प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कामकाज संभालने के बाद अपने पहले फैसले में सेना और अर्द्धसैनिक बलों के शहीद जवानों या पूर्व सैनिकों की विधवाओं और बच्चों को राष्ट्रीय रक्षा निधि से दिये जाने वाले वजीफे में वृद्धि को मंजूरी दी और इसका दायरा बढाकर इसमें आतंकी या माओवादी हमलों में शहीद हुए राज्य पुलिस के अधिकारियों की संतानों को भी शामिल किया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को ट्विटर पर अपना एक वीडियो शेयर करते हुए लिखा, ‘‘हमारी सरकार का पहला फैसला उनके लिए समर्पित है जो भारत की रक्षा करते हैं। राष्ट्रीय रक्षा निधि के तहत प्रधानमंत्री छात्रवृत्ति योजना में कई बदलावों को मंजूरी दी गयी है और इसमें आतंकी या माओवादी हमलों में शहीद हुए पुलिसकर्मियों की संतानों के लिए बढ़ी हुई छात्रवृत्ति शामिल है।’’
Our Government’s first decision dedicated to those who protect India!
Major changes approved in PM’s Scholarship Scheme under the National Defence Fund including enhanced scholarships for wards of police personnel martyred in terror or Maoist attacks. https://t.co/Vm90BD77hm pic.twitter.com/iXhFNlBCIc
— Narendra Modi (@narendramodi) May 31, 2019
प्रधानमंत्री कार्यालय ने एक बयान में कहा कि छात्रवृत्ति की दर लड़कों के लिए 2000 रुपये से बढ़ाकर 2500 रुपये प्रति महीने और लड़कियों के लिए 2250 रुपये से 3000 रुपये प्रति महीने कर दी गई है। इसमें कहा गया कि वजीफा योजना का दायरा बढ़ाकर इसमें आतंकी या नक्सली हमलों में शहीद हुए राज्य पुलिस के अधिकारियों के बच्चों को भी शामिल किया गया है। राज्य पुलिस के अधिकारियों के लिए इस कोटे का लाभ हर साल करीब 500 लोग उठा सकेंगे।
राष्ट्रीय रक्षा कोष की स्थापना 1962 में की गई थी, जिसके तहत राष्ट्रीय रक्षा प्रयासों को प्रोन्नत करने के लिए नकदी व अन्य वित्तीय उपकरणों के रूप में ऐच्छिक दान प्राप्त किया जाता है। (इंपुट: भाषा के साथ)