भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की अगुवाई में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार के दोबारा सत्ता में आने के बाद सांख्यिकी मंत्रालय द्वारा जारी बेरोजगारी दर के आंकड़ों के अनुसार, देश में बेरोजगारी जुलाई 2017 से लेकर जून 2018 के दौरान एक साल में 6.1 फीसदी रही, जोकि पिछले 45 साल का ऊंचा स्तर है। सरकार की ओर से यह आंकड़ा ऐसे समय जारी किया गया है, जब नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल की शुरुआत करते हुए मंत्रियों ने पदभार संभाला।
आम चुनाव से ठीक पहले बेरोजगारी से जुड़े आंकड़ों पर आधारित यह रिपर्ट लीक हो गई थी और अब शुक्रवार को सरकार द्वारा जारी आंकड़ों में इसकी पुष्टि हो गई। जुलाई 2017 से जून 2018 के बीच की लीक हुई आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण (पीएलएफएस) रिपोर्ट में बेरोजगारी से जुड़े पूर्व के आंकड़ों से तुलना की गई थी। इस रिपोर्ट के मुताबिक, बेरोजगारी दर पिछले 45 वर्षों के सर्वोच्च स्तर पर पहुंच गई है।
राजग सरकार के दोबारा सत्ता में आने के बाद सांख्यिकी मंत्रालय द्वारा शुक्रवार को जारी बेरोजगारी दर के आंकड़ों के अनुसार, देश में बेरोजगारी जुलाई 2017 से लेकर जून 2018 के दौरान एक साल में 6.1 फीसदी रही जोकि पिछले 45 साल का ऊंचा स्तर है। राष्ट्रीय प्रतिदर्श सर्वेक्षण कार्यालय की ओर से श्रमिक बल के आवधिक सर्वेक्षण के आंकड़ों की रिपोर्ट का प्रकाशन इससे पहले रोक लिया गया था, जिसमें बताया इसी तरह के बेरोजगारी के आंकड़ों का खुलासा किया गया था।
रिपोर्ट के अनुसार, देश में बेरोजगारी दर 6.1 फीसदी थी। नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, देश में जुलाई 2017 से लेकर जून 2018 के दौरान एक साल में बेरोजगारी सचमुच 6.1 फीसदी बढ़ी। हालांकि, मुख्य सांख्यिकी अधिकारी प्रवीण श्रीवास्तव ने कहा, “यह नया डिजाइन व मेट्रिक है और इसकी तुलना पूर्व आंकड़ों से करना अनुचित है।” उन्होंने कहा, “2017-18 से लेकर आगे आपको इस आधार पर नियमित अनुमान मिलेगा।”
विशेषज्ञ समिति की सिफारिशों को दर्ज करने के बाद सर्वेक्षण रिपोर्ट जारी करते हुए सांख्यिकी सचिव प्रवीण श्रीवास्तव ने कहा, ‘यह डिजाइन और आकलन तरीका नया है। इसलिए पू्र्व के सर्वेक्षणों से इसकी तुलना अनुचित होगी। आपका मानना है कि बेरोजगारी दर 45 वर्ष के सबसे उच्च स्तर पर है। मैं इसके 45 वर्ष में कम या उच्च होने का दावा नहीं करता।’
लीक हुई रिपोर्ट को सरकार ने कर दिया था खारिज
सरकार ने पहले लीक हुई आधिकारिक रिपोर्ट को खारिज करते हुए कहा था कि बेरोजगारी के आंकड़ों को अभी अंतिम रूप नहीं दिया गया है। केंद्र सरकार को महत्वपूर्ण समष्टिगत आंकड़ों को रोकने के लिए विपक्षी दलों के आरोपों को झेलना पड़ा था। विपक्ष का आरोप था कि सरकार अपनी नाकामयाबी को जानबूझकर छिपा रही है। हालांकि, आम चुनाव से पहले बेरोजगारी के आंकड़ों पर जो रिपोर्ट लीक हुई थी शुक्रवार को सरकारी आंकड़ों में उसकी पुष्टि हो गई।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूसरी बार गुरुवार को शपथ लेने के एक दिन बाद ये आधिकारिक आंकड़े जारी हुए हैं।आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, शहरी क्षेत्र में रोजगार की चाहत रखने वाले 7.8 फीसदी युवा बेरोजगार हैं, जबकि ग्रामीण क्षेत्र में यह आंकड़ा 5.3 फीसदी है। बेरोजगारी दर का निर्धारण कुल कार्यबल में बेरोजगार व्यक्तियों की तादाद की गणना फीसदी में करके किया जाता है।
देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की संवृद्धि दर वित्त वर्ष 2018-19 की चौथी तिमाही में 5.8 फीसदी रही जोकि पिछले पांच साल में सबसे कम है। गौरतलब है कि नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को राष्ट्रपति भवन के प्रांगण में आयोजित एक भव्य समारोह में प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी। उनके साथ 24 कैबिनेट मंत्रियों, नौ ने राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और 24 अन्य ने राज्य मंत्री के रूप में शपथ ली थी।