गंगा को प्रदूषण मुक्त बनाने को लेकर करीब 111 दिनों से अनशन कर रहे वयोवृद्ध पर्यावरणविद एवं वैज्ञानिक प्रो. जीडी अग्रवाल (स्वामी ज्ञान स्वरूप सानंद) का गुरुवार (11 अक्टूबर) दोपहर को निधन हो गया। उन्हें बुधवार को हरिद्वार प्रशासन ने ऋषिकेश के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में भर्ती कराया था। जीडी अग्रवाल उर्फ स्वामी सानंद ने ऋषिकेश के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में प्राणों की आहुति दे दी।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, गंगा में अवैध खनन, बांधों जैसे बड़े निर्माण और उसकी अविरलता को बनाए रखने के मुद्दे पर पर्यावरणविद स्वामी ज्ञान स्वरूप सानंद यानी प्रो. जीडी अग्रवाल अनशन पर थे। स्वामी सानंद गंगा से जुड़े तमाम मुद्दों पर सरकार को पहले भी कई बार आगाह कर चुके थे और इसी साल फरवरी में उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिख गंगा के लिए अलग से क़ानून बनाने की मांग की थी।
सरकार की तरफ से कोई जवाब ना मिलने पर 86 साल के स्वामी सानंद 22 जून को अनशन पर बैठ गए थे। इस बीच दो केंद्रीय मंत्री उमा भारती और नितिन गडकरी उनसे अपना अनशन तोड़ने की अपील की थी, लेकिन वो नहीं माने।रिपोर्ट के मुताबिक, उत्तराखंड सरकार ने उनसे अनशन खत्म करने के लिए कहा था लेकिन वे नहीं तैयार हुए।
लेकिन मोदी सरकार ने उनके पत्र का कोई जवाब नहीं दिया। वहीं, अब पर्यावरणविद जीडी अग्रवाल के निधन के बाद के नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर उन्हें श्रद्धांजली दी है। जिसको लेकर पीएम मोदी सोशल मीडिया यूजर्स के निशाने पर आ गए है।
जीडी अग्रवाल ने निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट करते हुए लिखा, ‘श्री जीडी अग्रवाल जी के निधन से दुखी हूं। शिक्षा, पर्यावरण की रक्षा, विशेष रूप से गंगा सफाई की दिशा में उनकी कोशिशों को हमेशा याद किया जाएगा। मेरी संवेदनाएं।’
Saddened by the demise of Shri GD Agarwal Ji. His passion towards learning, education, saving the environment, particularly Ganga cleaning will always be remembered. My condolences.
— Narendra Modi (@narendramodi) October 11, 2018
जीडी अग्रवाल केंद्रीय प्रदूषण नियन्त्रण बोर्ड के सदस्य भी रह चुके थे और गंगा को बचाने के लिए काफी लम्बे समय से संघर्ष कर रहे थे। आईआईटी के प्रोफेसर रहे जीडी अग्रवाल का गंगा को बचाने के लिए इससे पहले भी उपवास पर बैठ चुके है।
देखिए कुछ ऐसे ही ट्वीट
सॉरी जी.डी. अग्रवाल जी ! माँ गंगा ने जिसे रक्षा के लिए बुलाया था वह अभी दलाली में व्यस्त है!!#गंगा_पर_मोदी_नंगा#GDAgarwal pic.twitter.com/tE3ApSDcFA
— منوج کرواسرا (@D7KfZX1niQm5Fmf) October 11, 2018
आज पता लगा जुमले वालों के तो आंसू भी झूठे हैं अग्रवाल जी पिछले 3 महीने से आमरण अनशन पर थे तब तो आपका एक भी आदमी नहीं मिलने गया।#गंगा_पर_मोदी_नंगा
— Sarla Choudhary (@SarlaChoudhary5) October 11, 2018
जब 120 दिन से भूख हड़ताल पर थे तब तो ना तो योगी जी गए ना आप का मंत्री गया और ना आप गए अब यह झूठे आंसू किस लिए
— Ravish Kumar (@ravish__NDTV) October 11, 2018
Hopefully MUFFLER MAN will become PM someday so that he can make ration cards on global scale by himself and teach Modi a lesson about ‘activeness’. By the way where was he when ankit was killed by peaceful people.
— Loki ( ਲੌਕੀ ਥੋਰ ਦਾ ਨਿੱਕਾ ਵੀਰ) (@GODofMischieves) October 12, 2018
आपको उस पबित्र आत्मा को श्रधांजलि देने का अधिकार नहीं है।अपने सक्षम होकर भी जीते जी उनकी आवाज नहीं सुनी, माँ गंगा आपको कभी माफ नहीं करेगी। #संत_की_हत्यारी_भाजपा #jdagarwal #bedtet2011
— Ram Gopal Singh (@ramgopalsingh61) October 12, 2018
उन्होंने जो मां गंगा के लिए तुम को बार-बार लेटर लिखे हैं उनको फ्रेम करवा कर रख लेना उनकी हत्या जो तुम्हारी सरकार द्वारा और तुम्हारे द्वारा की गई है हमेशा याद आती रहेगी तुमको,तुम लोग लगातार संतों का अपमान और उनका मर्डर करवा रहे हो संत समाज बदला लेगा तुम लोगों से#MaaGangaSeDhoka pic.twitter.com/dYQOCsHtg3
— बादल पंडित (@PPandit_) October 12, 2018
यह #SwamiSanand का आखिरी लेटर है जो आपको लिखा था .. आपने क्यों नही इनकी सुध ली .. क्यों आपने इनके पत्र का जवाब दिया.. क्यों आपने गंगा के बेटे को यूंही मरने दिया.. जवाब दे प्रधानसेवक जी जवाब दे आपने ने क्यों उन्हे यूंही मरने दिया .. कम से कम आश्वासन ही दे देते .. #NarendraModi pic.twitter.com/TXqUm4JwBa
— अमित साहु (@AmitSahu_Journo) October 11, 2018
मरने क्यों दिया? बचा लेते. गंगा को साफ करने की ही मांग कर रहे थे. आपकी उत्तराखंड सरकार ने डॉक्टर भेजकर नहीं उठवाया. पुलिस के जवान घसीटकर ले आए अस्पताल में. 3 महीने से जँयादा के उपवास में जान नहीं गई. एक दिन अस्पताल में रहे और मर गए.
वोट के समय बोलियेगा गंगा मां बुलाई है।— समर बहादुर सिंह (@allscstobc) October 12, 2018
आतंकियों को गले लगाते हो और जो काम की बात करे उसे पुलिस से उठवा देते हो? शर्म करो शर्म करो pic.twitter.com/KSjKWGuw4e
— Nitish (@NitishAAP) October 11, 2018
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इससे पहले साल 2011 में मातृसदन के एक संत निगमानंद की गंगा के लिये अनशन करने के दौरान मृत्यु हो गई थी जिसको लेकर काफी विवाद हुआ था। वे गंगा संरक्षण के लिए सरकार द्वारा बनाए जाने वाले कानून के सख्त खिलाफ थे। उनका कहना था कि ये कानून मंत्रियों और नौकरशाहों के हाथों का खिलौना बन जाएगा और गंगा अपने वास्तविक रूप को खो देगी।