राज्यसभा के सभापति एम वैंकेया नायडू ने उच्च सदन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गुरुवार (9 अगस्त) की एक टिप्पणी को ‘आपत्तिजनक पाए जाने पर सदन की कार्यवाही से निकाल दिया। जदयू के सदस्य हरिवंश नारायण सिंह को गुरुवार को उपसभापति चुने जाने के बाद उन्हें बधाई देते समय पीएम मोदी के बधाई संदेश में की गई एक टिप्पणी को नायडू ने शुक्रवार (10 अगस्त) को कार्यवाही से हटाने का फैसला किया।
© Gettyराज्यसभा सचिवालय के अनुसार, उपसभापति पद के चुनाव में कांग्रेस के उम्मीदवार बी के हरिप्रसाद के बारे में की गई टिप्पणी को आपत्तिजनक बताने वाली एक शिकायत पर सभापति ने यह फैसला किया। इस दौरान केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले द्वारा भी हरिप्रसाद के बारे में की गई एक टिप्पणी को नायडू ने सदन की कार्यवाही से हटा दिया। सदन में कल एक सदस्य द्वारा यह मुद्दा उठाए जाने पर नायडू ने इस पर संज्ञान लेने की बात कही थी।
दरअसल, राज्यसभा के उपसभापति पद के लिए, सत्तारूढ़ राजग के प्रत्याशी एवं जदयू के राज्यसभा सदस्य हरिवंश निर्वाचित होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें बधाई देते हुए कहा था, ‘‘सदन पर हरिकृपा बनी रहेगी। अब सब कुछ हरि भरोसे।’’ उन्होंने हरिवंश और उनके प्रतिद्वंद्वी बी के हरिप्रसाद के चुनाव में होने पर चुटकी लेते हुए कहा, ‘सदन पर हरिकृपा बनी रहेगी। अब सब कुछ हरि भरोसे।
पीएम ने आगे कहा, “और मुझे विश्वास है कि सभी, इधर हो या उधर, सभी सांसदों पर हरिकृपा बनी रहेगी।’’ उन्होंने कहा ‘‘दोनों तरफ हरि थे। एक के आगे बीके था, बीके हरि, कोई न बीके और एक के आगे कोई बीके नहीं था।’’ एक सांसद द्वारा पीएम मोदी की टिप्पणी पर ऐतराज जताए जाने के बाद उस टिप्पणी को अब हटा लिया गया है। गौरतलब है कि दोनों पक्षों के प्रत्याशियों के नाम में ‘हरि’ जुड़ा है।
देखिए, सोशल मीडिया रिएक्शन:-
इस टिप्पणी के चलते सोशल मीडिया में प्रधानमंत्री की कल से ही आलोचना हो रही है। सोशल मीडिया पर लोग पीएम मोदी पर निशाना साध रहे हैं। ट्विटर पर @Ladbak_ हैंडल नाम के एक यूजर ने टिप्पणी की है, ‘70 सालों में पहली बार किसी प्रधानमंत्री के भाषण के एक अंश को असंसदीय मानते हुए संसद की कार्यवाही से हटाया गया है. और ऐसा गौरव पाने वाले मोदी जी देश के पहले प्रधानमंत्री बन गए हैं।’
70 सालों में पहली बार किसी प्रधानमंत्री के भाषण के एक अंश को असंसदीय मानते हुए संसद की कार्यवाही से हटाया गया है। और ऐसा गौरव पाने वाले मोदी जी देश के पहले प्रधानमंत्री बन गए है।
— लखनवी (@Ladbak_) August 10, 2018
मोदी जी ऐसे पहले प्रधानमंत्री बने ,जिनकी टिप्पणी को राज्यसभा की कार्यवाही से हटाया गया है | 70 साल के संसदीय इतिहास में पहली बार किसी प्रधानमंत्री के सदन में दिए गए, वक्तव्य को सदन की कार्यवाही से हटाया गया है।किसी भी सरकार और प्रधानमंत्री के लिए इससे शर्मनाक बात नही हो सकती है।
— Preeti Chobey (@preeti_chobey) August 10, 2018
वेंकैया नायडू ने ले लिया जबरन उप-राष्ट्रपति बनाने का बदला—“बिके हरिप्रसाद” वाली पीएम मोदी की टिप्पणी असंसदीय और आपत्तिजनक मानकर रिकॉर्ड से हटाई गई. साहेब मत्था टेककर रोते हुए घुसे थे, याद है न? ऐसे बचन बोलेंगे लोकतंत्र के मंदिर में? #modi #parliament #BKhariprasad #venkaiahnaidu
— Rajesh Priyadarshi (@priyadarshibbc) August 10, 2018
आने वाली पीढ़ियाँ शायद यक़ीन ना करें कि इस देश में कभी ऐसे प्रधानमंत्री भी हुए , जो संसद के अंदर राज्यसभा के उप सभापति पद के उम्मीदवार को BK Prasad की जगह जानबूझकर “बिके” कहते हैं।PM की ये इतनी अशोभनीय टिप्पणी थी कि बाद में इसे सदन की कार्यवाही से हटाना भी पड़ता है।
— Vinod Kapri (@vinodkapri) August 10, 2018
यह भारत के संसदीय लोकतंत्र का निम्नतम स्तर है जब प्रधानमंत्री स्वयं असंसदीय शब्द का इस्तेमाल करते हैं और चेअर को मजबूरन वह शब्द संसदीय रिकॉर्ड से बाहर निकालना पड़ता है।
ऐसा पहले कभी नहीं हुआ।
यही है न्यू इंडिया।https://t.co/d3SacfMirg— Sanjay Nirupam (@sanjaynirupam) August 10, 2018
‘आपत्तिजनक’ पाए जाने पर सभापति ने राज्यसभा की कार्यवाही से हटाई कांग्रेस सांसद पर की गई PM मोदी की टिप्पणी
मोदी की जिस टिप्पणी को सभापति आपत्तिजनक टिप्पणी घोषित कर दिए, वह असल में आतंकवादी संगठन RSS में सम्मानजनक टिप्पणी माना जाता है….https://t.co/YNKOJqJsZg— काकावाणी کاکاوانی (@AliSohrab007) August 11, 2018
मोदीजी ऐसे पहले PM बने मोदी जिनकी टिप्पणी को राज्यसभा की कार्यवाही से हटाया गया
70 साल के संसदीय इतिहास में पहली बार किसी प्रधानमंत्री के सदन में दिए गए वक्तव्य को सदन की कार्यवाही से हटाया गया है। किसी भी सरकार और प्रधानमंत्री के लिए इससे शर्मनाक बात नही हो सकती है।— Shilpi Singh (@ShilpiSinghINC) August 10, 2018
यह देश का दुर्भाग्य ही है की ख़ुद प्रधानमंत्री सदन के अंदर सदन के एक माननीय सदस्य के प्रति इस तरह की आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल करते हैं जिसे की सदन के रिकॉर्ड से हटाना पड़ता है https://t.co/C3s9fb8lHg
— Yajuvendrasinh Jadeja (@ysjadejaINC) August 11, 2018