पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों के खिलाफ AAP विधायकों ने किया प्रदर्शन, पेट्रोलियम मंत्रालय के बाहर किया हंगामा

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पेट्रोल-डीज़ल की बढ़ती कीमतों के खिलाफ आम आदमी पार्टी (AAP) के विधायकों ने बुधवार(20 सितंबर) को दिल्ली में के शास्त्री भवन स्थित पेट्रोलियम मंत्रालय के पास विरोध-प्रदर्शन किया। आप विधायकों ने बुधवार को केंद्र सरकार को ज्ञापन देने शास्त्री भवन पहुंचे जिसके बाद उन्होंने सरकार के विरोध में नारे लगाते हुए पेट्रोल-डीजल के दाम करने की मांग की। इस दौरान बड़ी संख्या में AAP कार्यकर्ता मौजूद थे।

@AapKaGopalRai

AAP विधायकों ने पेट्रोलियम मंत्रालय का घेराव करने शास्‍त्री भवन की ओर पहुंचे। जहां पहले से मौजूद पुलिसकर्मियों ने विधायकों को हिरासत में लेकर बसों में भरकर संसद मार्ग थाने लेकर चली गई। AAP के वरिष्ठ नेता गोपाल राय ने कहा कि पेट्रोल-डीजल के बढ़े दामों के खिलाफ पेट्रोलियम मंत्रालय शास्त्री भवन ज्ञापन देने पहुंचे विधायकों की गिरफ्तारी से हम दबने वाले नहीं है।

उन्होंने कहा कि पेट्रोल-डीजल के महंगे हो रहे दाम के खिलाफ कल आम आदमी पार्टी व्यापक आंदोलन करेगी। बता दें कि पेट्रोल-डीजल के दाम में भारी इजाफा हुआ है जिसे लेकर लोगों में नाराजगी है। पेट्रोल की लगातार उछाल मारती कीमतों से जनता में रोष की बात कह रहे विधायकों का कहना है कि यह लोगों की जेब पर डाका है। केंद्र सरकार ने जनता को धोखा दिया है।

इससे पहले मंगलवार(19 सितंबर) को पार्टी कार्यालय में आयोजित हुई प्रेस कॉंफ्रेंस को संबोधित करते हुए पार्टी के वरिष्ठ नेता और दिल्ली संयोजक गोपाल राय ने कहा कि सत्ता में आने से पहले बीजेपी कहती थी कि मंहगाई कम करेंगे लेकिन आज पेट्रोल-डीजल के जरिए मंहगाई आसमान छू रही है।

राय ने कहा कि साल 2014 में जब बीजेपी केंद्र की सत्ता में आई थी तब अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम 105 डॉलर प्रति बैरल के करीब थे और तब भी पेट्रोल के रिटेल प्राइस 70 रुपए के आसपास थे और अब जब साल 2017 में कच्चे के दाम 50 डॉलर प्रति बैरल के करीब आए हैं तब भी पेट्रोल के दाम दिल्ली में 70 रुपए पर हैं और मुंबई में ये 80 रुपए के करीब हैं।

@AamAadmiParty

3 साल के उच्चतम स्तर पर पहुंचा दाम

दरअसल, वर्ष 2014 में अच्छे दिन लाने के वादे के साथ केंद्र की सत्ता में आई मोदी सरकार अब आम आदमी की राह में खुद ही मुसीबत पैदा कर रही है। देश में पेट्रोल और डीजल की कीमतें 3 साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है। जबकि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें 2014 के मुकाबले आधी रह गई हैं। लेकिन इसका फायदा आम आदमी को नहीं मिल पा रहा है।

ज्यादातर राज्यों में पेट्रोल की कीमत 70 रुपये से पार हो गई है, जबकि डीजल का भाव 60 रुपये प्रति लीटर के आसपास है। पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ने का सीधा असर आम उपभोक्ताओं की जेब पर पड़ रहा है। 13 सितंबर 2017 को दिल्ली में पेट्रोल 70.38 रुपये और डीजल 58.72 रुपये प्रति लीटर पर पहुंच गए। जबकि मुंबई में पेट्रोल 79.48 रु. बिका।

दरअसल, इस साल 16 जून से पूरे देश में पेट्रोल-डीजल के दाम में हर दिन बदलाव की व्यवस्था (डेली डाइनैमिक प्राइसिंग) लागू कर दी गई है। तब से पेट्रोल 7.48 प्रतिशत और डीजल 7.76 फीसदी महंगे हो चुके हैं। लोगों का कहना है कि तीन साल में आखिर जब 46 फीसदी तक कच्चा तेल सस्ता हो चुका है तो इसका फायदा आम जनता को क्यों नहीं मिल रहा है?

उद्योग संगठन एसोचैम ने भी पेट्रोल-डीजल पर टैक्स कम करने के पक्ष में है। एसोचैम द्वारा जारी नोट में कहा गया है, ‘जब कच्चे तेल की कीमत 107 डॉलर प्रति बैरल थी, तब देश में पेट्रोल 71.51 रुपये लीटर बेचा जा रहा था। अब कच्चे तेल की कीमत घटकर 53.88 डॉलर प्रति बैरल पर आ गई है। उपभोक्ता तो यह पूछेंगे ही कि अगर बाजार से कीमतें निर्धारित होती हैं तो इसे 40 रुपये लीटर पर बेचा जाना चाहिए।’

सोशल मीडिया पर आक्रोश

पेट्रोल-डीजल के दाम में बेतहासा वृद्धि को लेकर सोशल मीडिया पर लोग अपने-अपने तरीके से विरोध दर्ज करा रहे हैं।आम आदमी इस बात से परेशान है कि आखिर तेल कंपनियों को इतनी जल्दबाजी क्यों है? आखिर क्या कारण हैं, जिनके चलते पेट्रोल की कीमतें लगातार बढ़ाई जा रही हैं? सरकार आम आदमी की जेब का ख्याल क्यों नहीं रख रही है? क्या सरकार आम आदमी के बारे में सोचना भूल गई है? ऐसे कई सवालों के साथ हर दिन सोशल मीडिया पर बढ़ती कीमतों के खिलाफ अगल-अलग ट्रेंड हो रहा है।

 

 

 

 

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