पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति जनरल परवेज मुशर्रफ ने कहा कि सेना ने पाकिस्तान के शासन में अक्सर अहम भूमिका निभाई है क्योंकि लोकतंत्र को इसके माहौल के अनुसार नहीं ढाला गया है।
भाषा की खबर के अनुसार, मुशर्रफ ने ‘वाशिंगटन आइडियाज फोरम’ में एक साक्षात्कार के दौरान कहा, “हमारी आजादी के बाद से सेना की हमेशा भूमिका रही है। सेना ने पाकिस्तान के शासन में बहुत अहम भूमिका निभाई है। इसका मुख्य कारण तथाकथित लोकतांत्रिक तरीके से चुनी गई सरकारों का कुशासन रहा है।” उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की मूल कमजोरी यह रही है कि इस देश में माहौल के अनुसार लोकतंत्र को नहीं ढाला गया।
मुशर्रफ ने देश में बार-बार हुए सैन्य तख्तापलट को सही बताते हुए कहा, “इसलिए सेना को राजनीतिक माहौल में जबरन घुसाया, खींचा जाता है, खासकर तब जब कुशासन जारी है और पाकिस्तान सामाजिक आर्थिक रूप से नीचे की ओर जा रहा है। लोग और जनता सैन्य प्रमुख की ओर भागती है और इस तरह सेना संलिप्त हो जाती है।” उन्होंने कहा कि इस वजह से पाकिस्तान में सैन्य सरकारें रही हैं और सेना का कद उंचा है।