पेगासस जासूसी मामले में केंद्र सरकार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका, रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में गठित कमेटी करेगी जांच

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पेगासस जासूसी मामले में केंद्र सरकार को सुप्रीम कोर्ट से बुधवार को बड़ा झटका लगा है। पेगासस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा कि इस मामले की जांच होगी। कोर्ट ने जांच के लिए एक्सपर्ट कमेटी का गठन किया। बता दें कि, कोर्ट में दाखिल याचिकाओं में अदालत की निगरानी में स्वतंत्र जांच की मांग की गई थी।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस मुद्दे में केंद्र द्वारा कोई विशेष खंडन नहीं किया गया है, इस प्रकार हमारे पास याचिकाकर्ता की दलीलों को प्रथम दृष्टया स्वीकार करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है और हम एक विशेषज्ञ समिति नियुक्त करते हैं जिसका कार्य सर्वोच्च न्यायालय द्वारा देखा जाएगा। फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि निजता के अधिकार के उल्लंघन की जांच होनी चाहिए।

सुप्रीम कोर्ट बताया कि, उसने तीन सदस्यीय समिति का हिस्सा बनने के लिए जाने-माने विशेषज्ञों को चुना है। तीन सदस्यीय समिति की अध्यक्षता सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश आरवी रवींद्रन करेंगे। अन्य सदस्य आलोक जोशी और संदीप ओबेरॉय होंगे।

पेगासस स्कैंडल ने भारतीय राजनीति को तब हिलाकर रख दिया जब यह सामने आया था कि कई वरिष्ठ पत्रकारों, विपक्षी राजनेताओं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कैबिनेट में कुछ मंत्रियों, पूर्व चुनाव आयुक्त अशोक लवासा और अन्य प्रमुख व्यक्तियों के फोन को इजरायली स्पाइवेयर पेगासस का उपयोग करके फोन टैप किया गया है। वहीं, कांग्रेस नेता राहुल ने इस मामले की सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांच कराने की मांग करते हुए इसे देशद्रोह का मुद्दा बताया था।

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