पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर के उरी में रविवार तड़के हुए हमले के पीछे उसका हाथ होने के भारत के आरोप को ‘पूरी तरह बेबुनियाद और गैर-जिम्मेदाराना’ करार देते हुए कहा कि किसी भी आतंकवादी हमले के तुरंत बाद पाकिस्तान पर ठीकरा फोड़ने का भारत का इतिहास रहा है.
उरी में भारतीय सेना पर हुए हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान की निंदा की थी. केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान को सीधे तौर पर जिम्मेदार ठहराते हुए कहा था कि यह एक ‘आतंकवादी देश’ है और इसे अलग-थलग किया जाना चाहिए.
भाषा की खबर के अनुसार, पाकिस्तान विदेश कार्यालय के प्रवक्ता नफीस जकारिया ने एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा कि पाकिस्तान के खिलाफ भारत के आरोप ‘पूरी तरह बेबुनियाद और गैर-जिम्मेदाराना’ हैं.
जकारिया ने कहा, ‘पाकिस्तान ने भारत की ओर से लगाए जाने वाले आरोपों के लिए हमेशा उससे ठोस सबूत मांगे हैं, लेकिन भारत ऐसे सबूत मुहैया कराने में नाकाम रहा है.’
उन्होंने कहा, ‘किसी भी आतंकवादी हमले के तुरंत बाद पाकिस्तान पर ठीकरा फोड़ने का भारत का इतिहास रहा है और जांच में हर बार यह गलत साबित हुआ है.’ जकारिया ने कहा कि भारत कश्मीर के हालात से दुनिया का ध्यान हटाने के लिए अलग-अलग तौर-तरीके अपना रहा है.
पाकिस्तानी सेना ने इससे पहले कहा था कि भारत अपने आरोपों के समर्थन में ऐसे साक्ष्य दे, जिसके आधार पर कार्रवाई की जा सके. पाकिस्तान सेना के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट जनरल असीम सलीम बाजवा ने कहा कि हमले के बाद दोनों देशों के सैन्य अभियान महानिदेशक (डीजीएमओ) ने हॉटलाइन पर नियंत्रण रेखा के हालात के बारे में चर्चा की.
रेडियो पाकिस्तान ने आईएसपीआर की एक विज्ञप्ति के हवाले से बताया कि भारत के बेबुनियाद और अपरिपक्व आरोप का खंडन करते हुए पाकिस्तानी डीजीएमओ ने अपने समकक्ष से कार्रवाई किए जाने योग्य खुफिया सूचना साझा करने को कहा है.
बाजवा ने दोहराया कि पाकिस्तानी सरजमीं से किसी घुसपैठ को नहीं होने दिया जा सकता, क्योंकि नियंत्रण रेखा और ‘वर्किंग बाउंड्री’ के दोनों ओर सुरक्षा के सख्त इंतजाम हैं.’ गौरतलब है कि उत्तर कश्मीर के उरी कस्बे में रविवार तड़के सेना के एक बटालियन मुख्यालय पर हुए आतंकी हमले में 17 जवान शहीद हो गए जबकि 19 अन्य घायल हो गए.