कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व गृह मंत्री पी चिदंबरम ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार पर निशाना साधा और कहा जम्मू कश्मीर की पार्टियां पहले राज्य का दर्जा चाहती हैं, जबकि सरकार पहले चुनाव चाहती है।
चिदंबरम ने एक ट्वीट में कहा, “कांग्रेस और अन्य जम्मू कश्मीर के दल और नेता पहले राज्य का दर्जा चाहते हैं और चुनाव बाद में, जबकि सरकार चुनाव पहले कराना चाहती है और राज्य का दर्जा बाद में देना चाहती है।”
उन्होंने कहा, “घोड़ा ही गाड़ी को खींचता है। एक राज्य को पहले चुनाव कराना चाहिए। राज्य चुनाव आयोग के तहत ही होने वाले चुनाव स्वतंत्र और निष्पक्ष होंगे। सरकार गाड़ी आगे और घोड़ा पीछे क्यों चाहती है? यह विचित्र है।”
The horse pulls the cart. A state must conduct elections. Only such elections will be free and fair.
Why does the government want the cart in front and the horse behind? It is bizarre.
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) June 25, 2021
बता दें कि, 7 लोक कल्याण मार्ग स्थित प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आवास पर सर्वदलीय बैठक साढ़े तीन घंटे तक चली। इसमें दिग्गज राजनेता और नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला सहित 14 नेताओं ने भाग लिया। अधिकांश नेताओं ने घाटी में राजनीतिक प्रक्रिया की बहाली पर जोर दिया।
गौरतलब है कि, पिछले लगभग दो सालों में पहली बार जम्मू-कश्मीर के राजनीतिक नेतृत्व के साथ वार्ता का हाथ बढाते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने इस केंद्रशासित प्रदेश के भविष्य की रणनीति का खाका तैयार करने के लिए वहां के 14 नेताओं के साथ गुरूवार को अहम बैठक की।
जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 के अधिकांश प्रावधान हटाए जाने और राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेशों में विभाजित किए जाने के बाद यह पहली ऐसी बैठक है जिसकी अध्यक्षता खुद प्रधानमंत्री मोदी ने की।
पीएम मोदी ने कहा कि परिसीमन तेज गति से होना चाहिए ताकि चुनाव हो सकें और जम्मू-कश्मीर को एक चुनी हुई सरकार मिले। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि जैसा कि संसद में कहा गया था परिसीमन और केंद्र शासित प्रदेश में शांतिपूर्ण चुनाव कराना राज्य का दर्जा बहाल करने में महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होंगे।