कर्नाटक विधानसभा चुनाव के बाद से पेट्रोल और डीजल की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। पेट्रोल डीजल की कीमत रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचने पर विपक्षी दलों ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर हमले तेज करते हुये तेल पूल के घाटे की भरपायी जनता की जेब से करने का आरोप लगाया है। वहीं, विपक्षी दलों के साथ-साथ सोशल मीडिया यूजर्स भी मोदी सरकार पर जमकर निशाना साध रहीं है।
बता दें कि, कर्नाटक चुनाव के बाद से लगातार 8वें दिन सोमवार (21 मई) को पेट्रोल-डीजल की कीमतें बढ़ाई गई हैं। सोमवार को राजधानी दिल्ली में पेट्रोल 76.57 रुपए हो गया है वहीं डीजल का भाव 67.82 रुपए पहुंच गया है। 13 मई के बाद से अब तक दिल्ली में पेट्रोल 1.94 रुपए प्रति लीटर रुपए महंगा हो चुका है। यहां रविवार को पेट्रोल की कीमत सबसे उच्च स्तर पर पहुंच गईं और बढ़ोतरी का सिलसिला जारी है।
समाचार एजेंसी भाषा की रिपोर्ट के मुताबिक, माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने पिछले सात दिनों से पेट्रोल डीजल की कीमतों में हो रही वृद्धि को कर्नाटक विधानसभा चुनाव से जोड़ते हुये कहा है कि चुनाव खत्म होते ही तेल कंपनियों ने पेट्रोल डीजल की कीमतों की दैनिक समीक्षा शुरू कर दी है। येचुरी ने सरकार की मंशा पर सवाल उठाते हुये पूछा ‘चुनाव से पहले 19 दिन तक कीमतें स्थिर रहीं, उस दौरान कीमत में बढ़ोतरी को क्यों रोका गया और अब इजाफा क्यों शुरू कर दिया गया?’
उन्होंने इसे केन्द्र सरकार का जनता से छल बताते हुए कहा कि तेल की कीमतों पर सरकार का कोई नियंत्रण नहीं होने की दलील गलत साबित हुयी। येचुरी ने ट्वीट कर कहा ‘आसमान छूती पेट्रोल डीजल की कीमतों का बोझ आम आदमी पर पड़ रहा है और बड़े उद्योगपतियों को मोदी सरकार लाखों करोड़ रुपये की रियायत दे रही है।’
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने भी पेट्रोल डीजल की कीमत में इजाफे को कर्नाटक में भाजपा द्वारा सरकार बनाने में नाकाफी से उपजी खीज का परिणाम बताया। अखिलेश ने ट्वीट कर कहा ‘सरकार कर्नाटक चुनाव तक पेट्रोल-डीज़ल के दाम नहीं बढ़ा रही थी लेकिन परिणाम पलटते ही इनके दामों में रिकार्ड तोड़ बढ़ोत्तरी कर जनता की कमर तोड़ दी गयी है।’
उन्होंने इसे निंदनीय बताते हुये कहा ‘क्या जनता को सरकार के ख़िलाफ जाने की सज़ा दी जा रही है। लगता है अब सत्ताधारी दल जनता से भी बदले की भावना से पेश आ रहे हैं।’
सरकार कर्नाटक चुनाव तक पेट्रोल-डीज़ल के दाम नहीं बढ़ा रही थी लेकिन परिणाम पलटते ही इनके दामों में रिकार्डतोड़ बढ़ोत्तरी कर जनता की कमर तोड़ दी गयी है. क्या जनता को सरकार के ख़िलाफ जाने की सज़ा दी जा रही है. लगता है अब सत्ताधारी जनता से भी बदले की भावना से पेश आ रहे हैं. निंदनीय!
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) May 21, 2018
वरिष्ठ समाजवादी नेता शरद यादव ने पिछले चार सालों में तेल की अंतरराष्ट्रीय कीमतों में गिरावट का हवाला देते हुये केन्द्र सरकार से पूछा है कि आखिर सरकार तेल पूल का घाटा जनता की जेब से क्यों पूरा कर रही है। यादव ने कहा ‘मौजूदा सरकार के सत्ता में आने से पहले तेल की अंतरराष्ट्रीय कीमत आज की तुलना में आधी से भी कम थी जबकि अब पेट्रोल डीजल के दाम अब तक के सर्वाधिक स्तर पर हैं।’
उन्होंने ट्वीट कर केन्द्र सरकार को नसीहत देते हुये कहा ‘सरकार को अपना वित्तीय घाटा पूरा करने के बजाय तेल की कम अंतरराष्ट्रीय कीमतों का लाभ उपभोक्ताओं को देना चाहिये।’
Petrol/diesel prices touch all time high when d international prices are less than half in comparison with prices before d present Govt came to power. Instead of covering its fiscal deficit Govt should pass on d benefits of low international prices to d consumers.
— SHARAD YADAV (@SharadYadavMP) May 21, 2018
उल्लेखनीय है कि कर्नाटक विधानसभा चुनाव के दौरान 19 दिनों तक पेट्रोल डीजल की कीमत स्थिर रहने के बाद चुनाव खत्म होते ही पिछले सप्ताह तेल की कीमतों में लगातार इजाफा हो रहा है। इस कारण से पेट्रोल डीजल की खुदरा कीमत अब तक के शीर्ष स्तर पर पहुंच गयी है।
पेट्रोल डीजल की कीमत लगातार बढ़ने पर विपक्षी दलों के साथ-साथ सोशल मीडिया यूजर्स भी मोदी सरकार पर जमकर निशाना साध रहीं है।
देखिए कुछ ऐसे ही ट्वीट :
कर ‘नाटक’ ख़त्म, पेट्रोल डीज़ल ने तोड़ा दम, अब रूस चले हम !✈️
— Aashish Yadav (@aashishsy) May 21, 2018
जब गोमूत्र से गाड़ियाँ चल रही हैं तब भी लोग क्यों पेट्रोल-डीज़ल के दामों पर हाय-तौबा मचा रहे।
— Kanchan Srivastava (@Ms_Aflatoon) May 21, 2018
अब तो जनता भी कह रही है .. क्या होगा ज़्यादा से ज़्यादा .. पेट्रोल डीजल के दाम 100 रुपया हो जाने दो.. हम चुनावों में पैसा वसूल लेंगे #Petrol #PetrolPrice #diesel
— Nishant Chaturvedi (@nishantchat) May 21, 2018
पेट्रोल – डीज़ल की क़ीमतों में बेतहाशा मूल्य वृद्धि
कर्नाटक की हार का बदला…
सप्ताह में एक दिन साइकल चलाने की घोषणा करने वाले शिवराज जी की साइकल कहाँ गयी ?
पेट्रोल-डीज़ल को जीएसटी के दायरे में लाया जाये…शिवराज सरकार जनता को राहत पहुँचाने के लिये राज्य की और से सहमति दे…— Office Of Kamal Nath (@OfficeOfKNath) May 21, 2018
पेट्रोल – 85 ₹
डीजल – 74 ₹
गैस – 880 ₹
मोदी ग़ुलामों के अनुसार हम इस महंगाई का विरोध नही करेंगे
नही तो “हिंदुत्व” खतरे मे आ जाएंगे…#FuelPriceHike #MondayMotivation#MamataKillingDemocracy not#OnePlusPrimeSale— Ridhi jain….✍️??? (@hindustani011) May 21, 2018
आज पेट्रोल-डीजल के दाम पिछले 16 साल के उच्चतम स्तर पर हैं और मोदी जी कह रहे हैं हमारे हाथ मे कुछ नहीं है। बिज़नेस स्टैंडर्ड की रिपोर्ट कहती है कि सेंसेक्स का रिटर्न 1980 के स्तर पर पहुँच चुका है। #भाजपा के इस थोथे विकास को अब जनता भी समझ चुकी है 'हटो मोदीजी! तुमसे न हो पायेगा!!
— Sunil Singh Yadav (@sunilyadv_unnao) May 21, 2018
https://twitter.com/Rishika952/status/998183138613497856
https://twitter.com/8Hadeed112111/status/998461318997803008
दिल्ली में आज पेटोल का रेट ₹ 76.24/लीटर और डीज़ल ₹67.57/लीटर हो गया है।
ये देश के इतिहास का अब तक का सबसे महंगा पेट्रोल-डीजल रेट है जो आम जनता को भुगतना पड़ रहा है
जबकि पेट्रोल का मूल रेट सिर्फ़ ₹37 और डीजल का ₹40/लीटर ही है
इसके ऊपर का सारा पैसा टैक्स और डीलर कमीशन है— Sharad Sharma (@sharadsharma1) May 20, 2018
https://twitter.com/OfficeOfJitu/status/998479694738550784