कोबरापोस्ट स्टिंग: उपभोक्ताओं का निजी डेटा सरकार को लीक करने के खुलासे के बाद सोशल मीडिया पर शुरू हुआ पेटीएम को डिलीट करने का अभियान, कंपनी ने दी सफाई

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मशहूर खोजी वेबसाइट कोबरापोस्ट ने शुक्रवार (25 मई) को ‘ऑपरेशन 136: पार्टी- 2’ नाम के अपने स्टिंग ऑपरेशन में कई सनसनीखेज खुलासा किया है। कोबरापोस्ट ने अपने स्टिंग ऑपरेशन में देश के तमाम बड़े-बड़े मीडिया समूहों का काला चिट्ठा खोलकर रख दिया है। वेबसाइट ने अपने स्टिंग में इस बात का पर्दाफाश किया है कि किस तरह देश के कई बड़े-बड़े और दिग्गज मीडिया समूह पैसे लेकर किसी के पक्ष या विपक्ष में खबरें चलाने के लिए तैयार हैं।

कोबरापोस्ट के स्टिंग ऑपरेशन में सबसे बड़ा चौंकाने वाला नाम है मोबाइल पेमेंट एप और पेमेंट बैंक पेटीएम का। इस सनसनीखेज स्टिंग ऑपरेशन में दावा किया गया है कि देश की अग्रणी मोबाइल बैंकिंग कंपनी पेटीएम ने स्वीकार किया है कि उसने प्रधानमंत्री कार्यलय के आदेश पर उपभोक्ताओं का निजी डाटा सरकार को लीक कर सकती है। कोबरापोस्ट के स्टिंग ऑपरेशन में पेटीएम के उपाध्यक्ष सुधांशु गुप्ता और सीनियर उपाध्यक्ष अजय शेखर शर्मा ने न केवल आरएसएस के साथ अपने घनिष्ठ संबंधों का खुलासा किया बल्कि यह भी स्वीकार किया कि वे अपने लाखों ऐप यूजर्स की सूचनाएं केंद्र सरकार के साथ साझा कर सकते हैं।

कोबरापोस्ट का दावा है कि सरकार के साथ डेटा शेयर करते वक्त पेटीएम ने अपनी सुरक्षा नीति का भी उल्लंघन किया।दरअसल, कोबरापोस्ट का स्टिंग ऑपरेशन कर रहे पत्रकार पुष्प शर्मा ने यह जांचने का फैसला किया कि क्या पेटीएम भी अपने ऐप पर उनके एजेंडे को बढ़ावा दे सकता है। इस क्रम में जब वो कंपनी के उपाध्यक्ष सुधांशु गुप्ता और सीनियर उपाध्यक्ष अजय शेखर शर्मा से पेटीएम के नोएडा ऑफिस में मिले थे, तो मुलाकात काफी चौंकाने वाली साबित हुई, क्योंकि टॉप लेवल के इन अधिकारियों ने न केवल आरएसएस के साथ अपने घनिष्ठ संबंधों का खुलासा किया, बल्कि यह भी स्वीकार किया कि वो अपने लाखों ऐप यूजर्स की सूचनाएं केंद्र सरकार के साथ साझा कर सकते हैं।

पेटीएम ने दी सफाई

विवाद बढ़ने के बाद पेटीएम ने शनिवार (26 मई) को सफाई देते हुए कहा कि वह अपने ग्राहकों की जानकारी (डेटा) किसी तीसरे पक्ष या सरकार को नहीं देती है। कंपनी ने एक ब्लागपोस्ट में यह जानकारी दी है। इसके अनुसार, ‘हम आप (उपयोगकर्ताओं) का डेटा कभी, किसी के साथ साझा नहीं करते हैं। पेटीएम में आपका डेटा, आपका ही है। हमारा नहीं, न ही किसी तीसरे पक्ष या सरकार का।’

कंपनी ने इसमें दावा किया है कि उसकी नीतियों के तहत किसी जांच के संबंध में कोई कानूनी आग्रह मिलने पर ही इस बारे में कंपनी विचार करती है। इस बारे में सोशल मीडिया पर चल रहे एक वीडियो के संदर्भ में कंपनी का कहना है कि इसमें किया गया यह दावा गलत है कि कंपनी कुछ जानकारी तीसरे पक्षों के साथ साझी करती है। बता दें कि पेटीएम का मोबाइल वॉलिट है। वह (अपनी विभिन्न इकाइयों के जरिए) पेमेंट बैंक व ई-कामर्स भी चलाती है।

राहुल गांधी का पीएम मोदी पर निशाना 

कोबरापोस्ट के स्टिंग ऑपरेशन पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर हमला बोला है। राहुल ने ट्वीट के जरिए पीएम मोदी पर कटाक्ष किया है। राहुल ने स्टिंग का वीडियो शेयर करते हुए ट्वीट किया है- ‘ये सबूत है कि हमने नोटबंदी के दौरान जो कहा था वो सही था. पेटीएम का मतलब पे टू पीएम है’। राहुल गांधी ने कोबरापोस्ट के स्टिंग ऑपरेशन का एक लिंक भी अपने ट्विटर अकाउंट से शेयर किया है।

पेटीएम को डिलीट करने का अभियान

तीसरे पक्ष से डेटा शेयर करने के बाद ट्विटर पर पेटीएम की कड़ी आलोचनाएं हो रही है। सोशल मीडिया पर पेटीएम को डिलीट करने का अभियान भी चलाया जा रहा है। जिसका असर भी देखने को मिल रहा है और भारी संख्या में लोग पेटीएम को डीलीट कर अपनी नाराजगी व्यक्त कर रहे हैं।

 

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