अर्थशास्त्र के नोबेल पुरस्कार के लिए अमेरिकी अर्थशास्त्री रिचर्ड थैलर को चुना गया है। 2017 के लिए चुने गए इस पुरस्कार की रेस में आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन भी शामिल थे। लेकिन उन्हें पुरस्कार नहीं मिला। अमेरिकी अर्थशास्त्री रिचर्ड थेलर को अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार देने की आज घोषणा कर दी गई। उन्हें यह पुरस्कार अर्थशास्त्र और मनोविज्ञान के अंतर को पाटने पर किए गए उनके काम के लिए दिया गया है।
नोबेल पुरस्कार के निर्णायक मंडल ने एक बयान में कहा कि थेलर का अध्ययन बताता है कि किस प्रकार सीमित तर्कसंगता, सामाजिक वरीयता और स्व-नियंत्रण की कमी जैसे मानवीय लक्षण किसी व्यक्ति के निर्णय को प्रक्रियागत तौर पर प्रभावित करते हैं और इससे बाजार के लक्षण पर भी प्रभाव पड़ता है। रिचर्ड थालर 2008 में आई ग्लोबल बेस्ट सेलर नूज के लेखक भी हैं।
The 2017 Prize in Economic Sciences to Richard H. Thaler “for his contributions to behavioural economics” @R_Thaler #NobelPrize
— The Nobel Prize (@NobelPrize) October 9, 2017
गौरतलब है कि क्लैरिवेट ऐनालिटिक्स अकैडमिक और साइंटिफिक रिसर्च अपने रिसर्च के आधार पर नोबेल पुरस्कार के संभावित विजेताओं की लिस्ट भी तैयार करती है। राजन भी उन छह अर्थशास्त्रियों में से एक थे जिन्हें क्लैरिवेट ऐनालिटिक्स ने इस साल अपनी लिस्ट में शामिल किया था।
मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक, रघुराम राजन इंटरनैशनल इकॉनमी की दुनिया के बड़े नाम हैं। सबसे कम उम्र (40) और पहले गैर पश्चिमी IMF चीफ बनने वाले राजन ने 2005 में एक पेपर प्रेजेंटेशन के बाद बड़ी प्रसिद्धि हासिल की। राजन ने अमेरिका में अर्थशास्त्री और बैंकरों की प्रतिष्ठित वार्षिक सभा में इस पेपर को प्रेजेंट किया था।
अमेरिकी अर्थशास्त्री रिचर्ड थैलर यूनिवर्सिटी ऑफ शिकागो के बूथ स्कूल ऑफ बिजनेस में बिहेवियरल साइंस और इकोनॉमिक्स के प्रोफेसर हैं. वे 2008 में आई पुस्तक Nudge के सह-लेखक हैं। थैलर ने यह पुस्तक कैस आर.संस्टीन के साथ लिखी थी। इसमें बताया गया था कि बिहेवियरल इकोनॉमिक्स के जरिए सोसाइटी की कई समस्याओं को हल किया जा सकता है।