भारतीय रिजर्व बैंक ने एक आरटीआई का जवाब देते हुए बताया कि बैंकों के पास जाली करेंसी का कोई रिकाॅर्ड नहीं हैं। नकली नोटों की वास्तविक स्थिति पता करने के लिए इस बाबत इस सवाल को पुछा गया था।
जाली करेंसी 500 और 1000 के नोटों का कोई रिकॉर्ड भारतीय रिजर्व बैंक के पास नहीं है। भारतीय रिजर्व बैंक ने माना है कि इन नोटों को बदलने के क्रम में सहकारी बैंकों द्वारा बरती गई कथित अनियमितताओं की उसके पास कोई विस्तृत जानकारी नहीं है। इस बात का खुलासा आरटीआई के एक जवाब से हुआ है।
आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने सूचना के अधिकार के तहत सहकारी बैंकों द्वारा बरती गई कथित अनियमितताओं और अधिकारियों के कथित भ्रष्टाचार के बारे में जानकारी मांगी थी। ये जानकारी उन्होंने पिछले साल 8 नवंबर से 10 दिसंबर का बीच मांगी थी।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जबकि पूर्व में आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने भारतीय रिजर्व बैंक को नई और पुरानी करेंसी को लेकर विभिन्न जानकारी मांगी थी।
भारतीय रिजर्व बैंक की केंद्रीय लोकसूचना अधिकारी पी विजयकुमार ने अनिल गलगली को बताया कि जिस दिन यानी 8 नवंबर 2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नोटबंदी की घोषणा की थी उस वक्त भारतीय रिजर्व बैंक के पास नए 500 रुपए मूल्य की एक भी करेंसी नहीं थी।