अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कश्मीर मध्यस्थता बयान पर संसद में संग्राम जारी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान पर अड़े विपक्षी दलों ने लोकसभा में जमकर हंगामा किया। कश्मीर मुद्दे पर ट्रंप के दावे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्पष्टीकरण की मांग को लेकर बुधवार को एकजुट विपक्ष ने लगातार दूसरे दिन लोकसभा में हंगामा और सदन से वाकआउट किया। वहीं, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने स्पष्ट किया कि कश्मीर देश के राष्ट्रीय स्वाभिमान से जुड़ा विषय है और इस पर किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता का कोई सवाल ही नहीं उठता।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, ‘‘कश्मीर मुद्दे पर किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता का कोई सवाल ही नहीं उठता। हम यह सच्चाई समझते हैं कि ऐसी कोई भी बात शिमला समझौते के विपरीत होगी। कश्मीर के सवाल पर इसलिए भी कोई मध्यस्थता हम स्वीकार नहीं करेंगे, क्योंकि कश्मीर हमारे राष्ट्रीय स्वाभिमान से जुड़ा विषय है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘राष्ट्रीय स्वाभिमान को लेकर हम किसी भी कीमत पर समझौता नहीं करेंगे।’’
Defence Minister Rajnath Singh in Lok Sabha: As S Jaishankar ji (External Affairs Minister) said Kashmir issue was not discussed in President Trump & PM Modi meeting. There is no question of mediation in Kashmir issue as it will be against the Shimla agreement. pic.twitter.com/pdopP9P98U
— ANI (@ANI) July 24, 2019
सिंह ने कहा कि जून के महीने में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच वार्ता हुई थी। इस बारे में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने स्पष्ट कर दिया है कि कश्मीर मुद्दे पर कोई बातचीत नहीं हुई थी। इस विषय पर जयशंकर का बयान सबसे प्रामाणिक है। रक्षा मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान से केवल कश्मीर पर वार्ता नहीं हो सकती, उसके साथ अगर बातचीत होगी तो पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर पर भी होगी।
इससे पहले, प्रश्नकाल के दौरान भी कांग्रेस, द्रमुक और कई अन्य विपक्षी दलों के सदस्यों ने प्रधानमंत्री के स्पष्टीकरण की मांग करते हुए लोकसभा में हंगामा किया और आसन के समीप आकर नारेबाजी की। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने हंगामे के बीच ही प्रश्नकाल को आगे बढ़ाया।
कांग्रेस ने पीएम मोदी से मांगा जवाब
प्रश्नकाल समाप्त होने पर कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि दुनिया के दो सबसे बड़े लोकतंत्र के मुखिया अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच ओसाका में बातचीत हुई। अब अमेरिकी राष्ट्रपति कह रहे हैं कि प्रधानमंत्री मोदी ने उनसे कश्मीर पर मध्यस्थता करने का आग्रह किया था। अब पूरा देश जानना चाहता है कि सच्चाई क्या है।
उन्होंने कहा, ‘‘ट्रंप जो कह रहे हैं, वह सही भी हो सकता है, गलत भी हो सकता है। इस विषय पर प्रधानमंत्री नहीं बोल रहे हैं। इसलिये शंका पैदा होती है। प्रधानमंत्री सदन में आएं और स्थिति स्पष्ट करें।’’ द्रमुक के टी आर बालू ने भी प्रधानमंत्री से सदन में आकर इस विषय पर स्थिति स्पष्ट करने की मांग की।
Congress MPs walk out of Lok Sabha in protest, demanding Prime Minister Narendra Modi's clarification over US President Donald Trump's statement on Kashmir. pic.twitter.com/g7x2yR35i9
— ANI (@ANI) July 24, 2019
लोकसभा अध्यक्ष ने सदन में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी से कहा कि आपको बात रखने का पूरा मौका दिया गया और आप सत्ता पक्ष का जवाब भी सुनें। लेकिन जब रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह बोलने के लिए खड़े हुए तब यूपीए नेता सोनिया गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस, द्रमुक सहित कुछ विपक्षी दलों ने सदन से वाकआउट किया।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि कांग्रेस संसदीय दल के नेता ने आश्वासन दिया था कि वे सत्ता पक्ष की बात सुनेंगे.. लेकिन उन्होंने वादाखिलाफी की। सिंह ने कहा कि लोकतंत्र विश्वसनीयता के आधार पर चलता है। परस्पर विश्वास स्वस्थ लोकतंत्र का आधार होता है। उन्होंने (कांग्रेस सदस्यों ने) कहा था कि सुनेंगे, लेकिन वे वॉकआउट कर गए। हालांकि, बाद में सदन की कार्यवाही सुचारू रूप से आगे बढ़ी और सदस्यों ने विधि विरूद्ध क्रियाकलाप निवारण संशोधन विधेयक पर चर्चा को आगे बढ़ाया।
क्या था ट्रंप का दावा?
दरअसल, 22 जुलाई को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ने यह कहकर भारत को चौंका दिया था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जापान के ओसाका में जी-20 सम्मेलन के दौरान कश्मीर मुद्दे को सुलझाने के लिए उनकी मदद मांगी थी। ट्रंप ने कहा, ‘‘मैं दो सप्ताह पहले प्रधानमंत्री मोदी के साथ था और हमने इस विषय (कश्मीर) पर बात की थी। और उन्होंने वास्तव में कहा, ‘क्या आप मध्यस्थता करना या मध्यस्थ बनना चाहेंगे?’ मैंने कहा, ‘कहां?’ (मोदी ने कहा) ‘कश्मीर।’’ उन्होंने कहा, ‘‘क्योंकि यह कई वर्ष से चल रहा है। मुझे आश्चर्य है कि यह कितने लंबे समय से चल रहा है।’’
ट्रंप ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि वे (भारतीय) इसे हल होते हुए देखना चाहेंगे। मुझे लगता है कि आप (पाकिस्तानी पीएम इमरान खान) इसे हल होते हुए देखना चाहेंगे। और अगर मैं मदद कर सकता हूं, तो मैं मध्यस्थ बनना पसंद करूंगा। यह होना चाहिए …. हमारे पास दो अद्भुत देश हैं जो बहुत होशियार हैं और जिनका नेतृत्व बहुत होशियार हैं, (और वे) इस तरह की समस्या का समाधान नहीं कर सकते हैं। लेकिन अगर आप चाहते हैं कि मैं मध्यस्थता करूं, तो मैं ऐसा करने को तैयार हूं।’’
#WATCH Washington DC: Pakistan PM Imran Khan and US President Donald Trump reply to journalists when asked on Kashmir. pic.twitter.com/UM51rbsIYF
— ANI (@ANI) July 22, 2019
नई दिल्ली में भारत के विदेश मंत्रालय ने ट्रंप का बयान आने के तुरंत बाद उसे सिरे से खारिज करते हुए कहा कि मोदी ने कभी भी कश्मीर पर मध्यस्थता के लिए कुछ नहीं कहा है। भारत जनवरी 2016 में पठानकोट में भारतीय वायुसेना के अड्डे पर पाकिस्तानी आतंकवादियों के हमले के बाद से पाकिस्तान के साथ कोई बातचीत नहीं कर रहा है। भारत का कहना है कि आतंकवाद और वार्ता साथ साथ नहीं चल सकते। (इनपुट- भाषा के साथ)