बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अब जातीय जनगणना के समर्थन में खुलकर सामने आ गए हैं। उन्होंने शनिवार को कहा कि हमलोगों का मानना है कि जाति आधरित जनगणना होनी चाहिए। नीतीश कुमार ने केंद्र सरकार से इस मुद्दे पर पुनर्विचार करने की बात कही।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शनिवार को अपने अधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर लिखा, “हम लोगों का मानना है कि जाति आधारित जनगणना होनी चाहिए।” बिहार की मुख्य विपक्षी पार्टी राजद इस मुद्दे को कई बार उठा चुकी है। इधर, मुख्यमंत्री का ट्वीट आने के बाद राजद के नेता और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने सवालिया लहजे में कहा कि जातीय जनगणना पर केंद्र सरकार अगर पुनर्विचार नहीं करेगी तो आप क्या करेंगे? उन्होंने यह भी कहा कि केंद्र सरकार में आपकी भी हिस्सेदारी है।
नीतीश कुमार ने अपने ट्वीट में लिखा, “हम लोगों का मानना है कि जाति आधारित जनगणना होनी चाहिए। बिहार विधान मंडल ने दिनांक-18.02.19 एवं पुनः बिहार विधान सभा ने दिनांक-27.02.20 को सर्वसम्मति से इस आशय का प्रस्ताव पारित किया था तथा इसे केन्द्र सरकार को भेजा गया था। केन्द्र सरकार को इस मुद्दे पर पुनर्विचार करना चाहिए।”
मुख्यमंत्री के ट्वीट के जवाब में तेजस्वी ने ट्वीट कर लिखा, “माननीय मुख्यमंत्री जी, केंद्र सरकार अगर जातीय जनगणना पर पुनर्विचार नहीं करेगी तो आप क्या करेंगे? हमारी माँग पर बिहार विधानसभा में सर्वसम्मति से जातिगत जनगणना का प्रस्ताव पारित किया गया था। केंद्र सरकार में आपकी हिस्सेदारी है। आपके कैबिनेट मंत्री है फिर भी अनुनय विनय कर रहे है?” (इंपुट: आईएएनएस के साथ)
माननीय मुख्यमंत्री जी, केंद्र सरकार अगर जातीय जनगणना पर पुनर्विचार नहीं करेगी तो आप क्या करेंगे? हमारी माँग पर बिहार विधानसभा में सर्वसम्मति से जातिगत जनगणना का प्रस्ताव पारित किया गया था।
केंद्र सरकार में आपकी हिस्सेदारी है। आपके कैबिनेट मंत्री है फिर भी अनुनय विनय कर रहे है? https://t.co/Uvzb8CcnyG
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) July 24, 2021