24 घंटे के अंदर महागठबंधन छोड़कर बीजेपी के साथ सरकार बनाने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पूरे एक्शन में नजर आ रहे हैं। ख़बरों के मुताबिक, बिहार की शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए गुरुवार(3 जुलाई) को राज्य सरकार ने एक बड़ा फैसला लेते हुए यह घोषणा किया है कि 50 से अधिक उम्र वाले शिक्षकों और अधिकारियों को रिटायर किया जायेगा। वहीं दूसरी और राज्य सरकार के इस फैसले से शिक्षकों में काफी आक्रोश है।
फाइल फोटोमीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, गुरुवार(3 जुलाई) को हुई विभागीय बैठक के बाद सरकार के मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह ने कहा कि तीन बार पात्रता परीक्षा में फेल होने वाले नियोजित शिक्षकों को सरकार ने हटाने का फैसला किया है।ख़बरों के मुताबिक, इस फैसले के लिए नीतीश कुमार ने तीन सदस्यीय समिति का भी गठन कर दिया है जो सबसे पहले उन स्कूलों को चिन्हित करेगी, जहां पर मैट्रिक और इंटरमीडिएट के नतीजे सबसे खराब हुए।
स्कूलों को चिन्हित करने के बाद वहां के शिक्षकों और जिले के शिक्षा पदाधिकारी पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। सरकार के इस निर्णय से करीब राज्य में 5000 स्थाई और कॉन्ट्रैक्ट पर बहाल किए गए टीचर्स पर असर पड़ने वाला है।
ख़बरों के मुताबिक, अंजनी सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 10 अगस्त तक लगातार विभागों की समीक्षा करेंगे। सीएम नीतीश कुमार ने शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक की जिसमें डिप्टी सीएम सुशील मोदी, शिक्षा मंत्री कृष्णनंदन वर्मा ने हिस्सा लिया।