पेट्रोल-डीजल की आसमान छूती कीमतों ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार की मुश्किलें बढ़ा रखी हैं। एक ओर आम जनता लगातार हो रही वृद्धि से परेशान है, तो दूसरा ओर विपक्ष भी सरकार के लिए सिरदर्द बना हुआ है। कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दलों ने इस वृद्धि को लेकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है और पिछले दिनों 10 सितंबर को भारत बंद भी किया था, जिसका देश भर में व्यापक असर भी देखने को मिला था।
इस बीच मुंबई में पेट्रोल के दाम 90 रुपये के मनोवैज्ञानिक स्तर के करीब पहुंचने के बीच केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नीति गडकरी ने मंगलवार (18 सितंबर) को स्वीकार किया कि पेट्रोल-डीजल की कीमतें काफी ऊंची हो चुकी हैं और इनसे जनता परेशान हो रही है। बता दें कि मुंबई में मंगलवार को पेट्रोल का दाम 89.54 रुपये लीटर बिक रहा था।
सोमवार की तुलना में इसमें 10 पैसे की बढ़ोतरी हुई है। इसी तरह डीजल की कीमत नौ पैसे की बढ़त के साथ 78.42 रुपये प्रति लीटर हो गई है। राज्य के करीब दर्जन भर शहरों में पेट्रोल 90 से 91 रुपये लीटर और डीजल 80 रुपये लीटर से ऊपर हो चुका है। गडकरी ने तीसरे ब्लूमबर्ग इंडिया इकनॉमिक फोरम को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘एक चीज है कि ईंधन के दाम काफी ऊंचे हैं। यह एक ऐसी स्थिति है जबकि लोगों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।’’
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, गडकरी ने कहा कि उन्हें बताया गया है कि इस बात की संभावना है कि वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल के दाम नीचे आएंगे। हालांकि, उन्होंने यह नहीं बताया कि उन्हें यह सूचना किस स्रोत से मिली है। परभनी, नन्दरबार, नांदेड़, लातूर, जलगांव, बीड़, औरंगाबाद और रत्नागिरी जैसे शहरों में रविवार को पेट्रोल का दाम 90 रुपये लीटर को पार कर गया है।
गडकरी ने कहा कि उन्हें विश्वास है कि 2019 में बीजेपी फिर सत्ता में आएगी। उन्होंने कहा कि कोई कठिन परिस्थिति आने पर भी उनकी प्रधानमंत्री बनने की कोई महत्वाकांक्षा नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘नरेंद्र मोदी हमारे प्रधानमंत्री हैं। हम सब मोदीजी के साथ हैं। हमें विश्वास है कि अगले चुनाव के बाद भी वह हमारे प्रधानमंत्री होंगे।’’