केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार (10 अक्टूबर) को कहा कि उनके मंत्रालय का 4,355 करोड़ रुपये के पंजाब एंड महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव (पीएमसी) बैंक घोटाले से कोई लेना-देना नहीं है। मुंबई के भाजपा कार्यालय में पत्रकारों से बात करते हुए, निर्मला सीतारमण ने कहा कि भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) संकटग्रस्त बैंक का रेगुलेटर है।
समाचार एजेंसी ANI के मुताबिक, पत्रकारों से बात करते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि, वित्त मंत्रालय का सीधे तौर पर इससे (पीएमसी बैंक मामला) कोई लेना देना नहीं है क्योंकि आरबीआई रेगुलेटर है। मगर अपनी तरफ से इस मामले में क्या हो रहा है और इसका अध्ययन करने के लिए मैंने अपने मंत्रालय के सचिवों से कहा है कि ग्रामीण विकास मंत्रालय और शहरी विकास मंत्रालय के साथ मिलकर काम करें।
FM: Finance Ministry may have nothing to do with it (PMC bank matter) directly because RBI is the regulator. But from my side, I've asked the secretaries of my ministry to work with Rural Development Ministry & Urban Development Ministry to study in detail as to what is happening pic.twitter.com/DyKhXJfiqk
— ANI (@ANI) October 10, 2019
निर्मला सीतारमण ने कहा कि पीएमसी बैंक के उपभोक्ताओं की परेशानी को देखते हुए रिजर्व बैंक के गवर्नर से बातचीत करूंगी। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार इसे लेकर संसद के शीतकालीन सत्र में विधेयक लाएगी। बता दें कि, वित्त मंत्री जहां प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रही हैं, उसके बाहर पंजाब एंड महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव बैंक के खाताधारक प्रदर्शन कर रहे थे।
बता दें कि, पंजाब एंड महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव बैंक के जमाकर्ताओं ने बुधवार को भी दिल्ली में अदालत के बाहर विरोध प्रदर्शन करते हुए दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की। वहीं, बैंक के पूर्व अध्यक्ष और एचडीआईएल के दो निदेशकों की पुलिस हिरासत को यहां की एक अदालत ने बुधवार को 14 अक्टूबर तक के लिए बढ़ा दिया। यह मामला 4,355 करोड़ रुपये के घोटाले का है।