वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कोरोना वायरस के प्रकोप के खिलाफ सरकार द्वारा छेड़ी गई जंग से प्रभावित गरीबों और मजदूरों की कठिनाइयों को देखते हुए गुरुवार को 1,70,000 करोड़ रुपये के राहत पैकेज के रूप में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज की घोषणा की। यह राशि जरूरतमंदों की सहायता के लिये दी जा रही है।
वित्तमंत्री ने कहा कि इस पैकेज के तहत गरीबों और दिहाड़ी मजदूरों को सीधे उनके बैंक खाते में नकद राशि का हस्तांतरण कर उनको खाद्य सुरक्षा प्रदान की जाएगी। उन्होंने कहा कि कोरोनावायरस के प्रकोप की रोकथाम के मद्देनजर देश में जारी लॉकडाउन के कारण देश में कोई भी गरीब भूखा न रहे, इसके लिए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत उन्हें अगले तीन महीने तक पांच किलो प्रति व्यक्ति मुफ्त गेहूं या चावल दिया जाएगा और प्रत्येक परिवार को एक किलो दाल भी दिया जाएगा।
मनरेगा की मजदूरी बढ़ाई
वहीं, मनरेगा में काम करने वाले मजदूरों की दिहाड़ी मजदूरी बढ़ाकर 202 रुपये कर दी गई है। इसके अलावा किसानों, गरीब विधवा, पेंशनधारी, दिव्यांगों और जनधन खातारधारक महिलाओं, उज्जवला योजना लाभार्थियों, महिला स्वयं सहायता समूहों समेत निर्माण क्षेत्र के मजदूरों को राहत प्रदान करने की भी घोषणा की गई है। इसके अलावा स्वंय सेवा समूहों की महिलाओं और संगठित क्षेत्र के कर्मचारियों, कंस्ट्रक्शन से जुड़े मजदूरों को मदद दी जाएगी।
वित्त मंत्री ने कहा कि सभी श्रेणी के लोगों की सहायता को ध्यान में रखकर यह राहत पैकेज दिया जा रहा है। उन्होंने कोरोना वायरस महामारी से निपटने के लिये जुटे डाक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों के लिये 50 लाख रुपये के बीमा कवर की घोषणा भी की है। बता दें कि, देश में कोरोना वायरल से संक्रमित लोगों की संख्या 650 से अधिक हो गई है और मरने वालों की संख्या 13 है।