राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने आगरा में पांच साल की एक बच्ची की कथित तौर पर भूख और बीमारी से हुई मौत मामले में मीडिया में प्रकाशित रिपोर्ट के आधार पर स्वत: संज्ञान लेते हुए रविवार को उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी कर जवाब- तलब किया।
समाचार एजेंसी पीटीआई (भाषा) की रिपोर्ट के मुताबिक, आयोग ने उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव को भेजे नोटिस में चार हफ्ते में प्रशासन द्वारा पीड़ित परिवार के पुनर्वास और लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ की गई कार्रवाई के मामले में रिपोर्ट देने को कहा। एनएचआरसी ने कहा कि मुख्य सचिव से उम्मीद की जाती है कि वह सभी जिलाधिकारियों को निर्देश जारी करेंगे ताकि भविष्य में इस तरह की क्रूर और लापरवाही की घटना दोबारा नहीं हो।
गौरतलब है कि, आगरा जिले में पांच वर्षीय एक बच्ची की कथित रूप से भूख और बुखार से मौत हो गई। आगरा के बरौली अहीर ब्लॉक के नागला विधिचंद गांव के रहने वाला सिंह परिवार एक महीने से बेरोजगार था। काम ठप पड़ चुका था और घर पर एक हफ्ते से खाने का कुछ भी नहीं था।
बच्ची की 40 वर्षीय मां शीला देवी अपने परिवार का भरण पोषण करने के लिए किसी भी तरह का काम करने को तैयार हैं। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, शीला देवी कहती हैं, “मैं उसके खाने के लिए कुछ जुगाड़ नहीं कर पाई। वह दिन-पर-दिन कमजोर होती जा रही थी। उसे तीन दिन से बुखार था और अब मैंने उसे खो दिया।” शुक्रवार की रात उन्होंने बच्ची को दफना दिया।
परिवार की मदद करने वाले पड़ोसी हेमंत गौतम ने बताया कि स्थानीय अधिकारियों ने लॉकडाउन संकट के दौरान परिवारों को खाद्य सुरक्षा देने में मदद नहीं की।