भारतीय योजना एवं प्रबंधन संस्थान (आईआईपीएम) के निदेशक अरिंदम चौधरी और उनकी कंपनी के एक अन्य निदेशक को केंद्रीय मूल्य संवर्धित कर (सीईएनवैट) का लगभग 23 करोड़ रुपये का सर्विस टैक्स क्रेडिट न चुकाने के मामले में गिरफ्तार किया गया है।
सीजीएसटी दक्षिण दिल्ली आयुक्तालय ने चौधरी और उनके सहयोगी गुरुदास मलिक ठाकुर को शुक्रवार शाम चार बजे गिरफ्तार किया। जिसके बाद उन्हें दिल्ली की एक अदालत में पेश किया गया, अदालत ने उन्हें 14 दिनों की हिरासत में भेज दिया है।
चौधरी वित्त अधिनियम की धारा 89 के तहत लगाए गए आरोपों का सामना कर रहे हैं। उनके सहकर्मी, आईआईपीएम के दूसरे निदेशक गुरुदास मलिक ठाकुर को भी समान अपराध के आरोप में गिरफ्तार कर 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
चौधरी और उनकी दिल्ली स्थित कंपनी व अन्य शहरों तथा विदेशों में स्थित उनकी संपत्तियों की जांच भी शुरू कर दी गई है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, जिस कंपनी में हेराफेरी की बात कही जा रही है, उस कंपनी में अरिंदम की 90 फीसदी हिस्सेदारी है, जबकि बाकी की हिस्सेदारी उनकी पत्नी के पास है।
बता दें कि, इससे पहले अरिंदम चौधरी को 14 मार्च को गिरफ्तार किया गया था। उन्हें कथित रूप से फर्जी चिकित्सा प्रमाण-पत्र पेश करने की वजह से गिरफ्तार किया गया था। वह वित्तीय अनियमिताओं के ऐसे ही कई मामलों में सुर्खियों में आते रहे हैं। (इंपुट: आईएएनएस के साथ)