राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने राष्ट्रीय राजधानी में 4 से 15 नवंबर के बीच ऑड-ईवन योजना लागू करने के केजरीवाल सरकार के फैसले के खिलाफ दायर याचिका पर विचार करने से बुधवार को इनकार कर दिया।
समाचार एजेंसी भाषा की रिपोर्ट के मुताबिक, एनजीटी प्रमुख न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ ने याचिका को विचार योग्य नहीं मानते हुए इसे खारिज कर दिया। पीठ ने कहा, ‘‘किस कानून के तहत यह याचिका विचार योग्य है।’’
वकील गौरव कुमार बंसल की ओर से दायर इस याचिका में कहा गया कि सीपीसीबी ने दिल्ली की वायु गुणवत्ता पर ऑड-ईवन योजना के प्रभाव का आकलन किया जिसमें पाया गया कि इस योजना को लागू करने की अवधि में शहर की वायु गुणवत्ता और खराब स्थिति में थी जबकि यह प्रतिबंध लागू नहीं होने की स्थिति में वायु गुणवत्ता इससे बेहतर थी।
बता दें कि , दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 13 सितंबर को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया था कि प्रदूषण रोकने के लिए 4 नवंबर से 15 नवंबर तक दिल्ली में ऑड-ईवन लगाया जाएगा। केजरीवाल ने कहा था कि ऑड-ईवन योजना सात बिंदु वाली ‘पराली प्रदूषण’ कार्य योजना का हिस्सा है। इस कार्य योजना में प्रदूषण रोधी मास्क का वितरण, मशीनों से सड़कों की सफाई और जल छिड़काव, पौधरोपण और दिल्ली के 12 प्रदूषण हॉटस्पॉट के लिए विशेष योजना भी शामिल है।