देश की राजधानी दिल्ली में बढ़ते खतरनाक प्रदूषण से निपटने के लिए दिल्ली सरकार ने अगले हफ्ते से ऑड-ईवन लाने का जो फैसला किया है अब उस पर केजरीवाल सरकार फंसती दिख रही है।
शुक्रवार(10 नवंबर) को नैशनल ग्रीन ट्राइब्यूनल (NGT) ने दिल्ली सरकार से जवाब मांगा है कि आखिर किस आधार पर उन्होंने ऑड-ईवन लागू करने का ऐलान किया है। इसके साथ ही एनजीटी ने दिल्ली में पुरानी कारों का आंकड़ा भी मांगा है।
NGT दोपहर 2 बजे दिल्ली सरकार के ऑड ईवन स्कीम की समीक्षा करेगी। ख़बरों के मुताबिक, NGT ने दिल्ली सरकार से पिछली दो बार लागू किए ऑड ईवन फॉर्म्युले के दौरान हवा की क्वॉलिटी के आंकड़े भी मांगे हैं। NGT इस आधार पर ही केजरीवाल सरकार के ताजा फैसले की समीक्षा करेगा।
NGT asks Delhi government on the rationale behind application of the odd-even formula and the data on old cars in Delhi; case to be heard at 2 PM
— ANI (@ANI) November 10, 2017
बता दें कि दिल्ली सरकार ने कल ही 13 से 17 नवंबर तक यातायात के ऑड-ईवन फॉर्म्यूले का लागू करने का ऐलान किया था। दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने गुरुवार(9 नवंबर) को कहा था कि, दिल्ली में वायु प्रदूषण गंभीर स्तर को पार कर गया है। इसलिए हम ऑड ईवन योजना फिर से ला रहे हैं। गहलोत ने कहा कि इन 5 दिनों तक सुबह 8 बजे से शाम 8 बजे तक ऑड-ईवन फॉर्मूला लागू रहेगा।
बता दें कि दिल्ली में ऑड इवन का यह तीसरा चरण होगा। इससे पहले दिल्ली में 2016 में दो बार ऑड-ईवन नियम लागू किया जा चुका है। पहली बार 1 जनवरी से 15 जनवरी 2016 तक और दूसरी बार 15 अप्रैल से 30 अप्रैल 2016 तक लागू किया गया था।