एनडीटीवी के पत्रकार श्रीनिवासन जैन ने फेसबुक पर खुद अपने ही चैनल के खिलाफ एक सनसनीखेज़ खुलासा किया है।
जैन के अनुसार एनडीटीवी ने एक सप्ताह पहले अमित शाह के बेटे को दिए जाने वाले बैंक लोन पर एक ख़ास रिपोर्ट तैयार की थी। इस रिपोर्ट को जैन ने अपने सहयोगी मानस प्रताप सिंह के साथ मिलकर तैयार किया था। लेकिन उन्होंने आरोप लगाया है कि चैनल प्रबंधन द्वारा उनकी रिपोर्ट को वेबसाइट से हटा लिया गया।
उन्होंने ने लिखा, ” एक सप्ताह पहले मानस प्रताप सिंह और मैंने अमित शाह के बेटे की कंपनी को दिए जाने वाले बैंक लोन पर जो रिपोर्ट तैयार की थी उसे एनडीटीवी की वेबसाइट से हटा दिया गया। एनडीटीवी के वकीलों ने कहा कि ऐसा क़ानूनी पक्षों की जांच केलिए किया जा रहा है। लेकिन उस रिपोर्ट को अब तक वापस वेबसाइट पर नहीं बहाल किया गया है। ये बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है क्यूंकि हमारी रिपोर्ट सिर्फ तथ्यों पर आधारित थी।”
जैन ने आगे लिखा कि इस तरह की घटना पत्रकारों केलिए ज़्यादा मौके नहीं छोड़ती है लेकिन वो फिलहाल एनडीटीवी के साथ ही पत्रकारिता करते रहेंगे। जैन ने ये भी लिखा कि उन्होंने एनडीटीवी को अपनी भावनाओं से अवगत करा दिया है।
गौरतलब है कि कुछ दिनों पहले ऐसी खबर आयी थी कि NDTV को स्पाइसजेट के संस्थापक अजय सिंह ने खरीद कर लिया है। हालांकि चैनल उस खबर का खंडन किया था लेकिन सूत्रों ने जनता का रिपोर्टर से बात करते हुए उस खबर की पुष्टि की थी।
अजय सिंह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समर्थक हैं और पिछले लोक सभा चुनाव में ‘अबकी बार मोदी सरकार’ का नारा इन्होने ही दिया था।
दरअसल, न्यूज वेबसाइट ‘द वायर’ ने एक रिपोर्ट में दावा किया है कि बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के बेटे जय अमितभाई शाह की स्वामित्व वाली कंपनी का सालाना टर्नओवर नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री और पिता अमित शाह के पार्टी अध्यक्ष बनने के बाद 16,000 गुना बढ़ गया। वेबसाइट के मुताबिक, यह खुलासा रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज (आरओसी) में दाखिल किए गए दस्तावेजों से सामने आई है।
द वायर ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि कंपनी की बैलेंस शीटों और आरओसी से हासिल की गई वार्षिक रिपोर्टों के मुताबिक, वर्ष 2013 और 2014 के मार्च में समाप्त होने वाले वित्तीय वर्षों में शाह की टेंपल इंटरप्राइज प्राइवेट लिमिटेड कंपनी कोई खास कारोबार नहीं कर रही थी और इन वर्षों में कंपनी को क्रमशः 6,230 और 1,724 रुपये का घाटा हुआ।
वहीं, 2014-15 में कंपनी ने महज 50,000 रुपये की आमदनी पर 18,728 रुपये का लाभ दिखाया। जबकि 2015-16 में कंपनी का टर्नओवर आसमान में छलांग लगाते हुए बढ़कर 80.5 करोड़ रुपये को छू गया। यह 2014-15 के मुकाबले 16 हजार गुना ज्यादा है।
वेबसाइट का दावा है कि टेंपल इंटरप्राइज के राजस्व में यह हैरान करने वाली बढ़ोत्तरी एक ऐसे समय में हुई जब कंपनी को राज्यसभा सांसद और रिलायंस इंडस्ट्रीज के शीर्ष एक्जीक्यूटिव परिमल नाथवानी के समधी राजेश खंडवाला के स्वामित्व वाली एक वित्तीय सेवा कंपनी से 15.78 करोड़ रुपये का असुरक्षित कर्ज मिला था।