नई दिल्ली। हिंसा प्रभावित नगालैंड में नाटकीय घटनाक्रम में मुख्यमंत्री टी. आर. जेलियांग ने रविवार(19 फरवरी) को अपने पद से इस्तीफा दे दिया, जिससे नये नेता के सत्ता संभालने का रास्ता साफ हो गया है। सूत्रों ने मुताबिक, राज्यपाल पी बी आचार्य ने जेलियांग का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है और अगली व्यवस्था होने तक उन्हें पद पर बने रहने के लिए कहा है। इससे पहले जेलियांग ने पद छोड़ने की घोषणा की थी।
मुख्यमंत्री कार्यालय की तरफ से जारी बयान में पुष्टि की गई कि जेलियांग पद छोड़ रहे हैं और सोमवार(20 फरवरी) को सुबह नगा पीपुल्स फ्रंट (एनपीएफ) के विधायक दल की बैठक में आम सहमति से नये नेता का चुनाव किया जाएगा।
उम्मीद है कि एनपीएफ की बैठक से पहले सुबह 11 बजे डीएएन (डेमोक्रेटिक अलायंस ऑफ नगालैंड) की बैठक होगी। एनपीएफ के एक सूत्र ने दावा किया कि 60 सदस्यीय विधानसभा में पूर्व मुख्यमंत्री और राज्य से एकमात्र सांसद नेफ्यू रियो को 49 विधायकों का समर्थन हासिल है, जिनमें आठ निर्दलीय विधायक भी शामिल हैं।
एनपीएफ के सूत्रों ने कहा कि रियो और जेलियांग ने नई दिल्ली में मुख्यमंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की थी, लेकिन उन्होंने विस्तार से जानकारी नहीं दी। जेलियांग मुख्यमंत्री पद से हटने के लिए दो दिनों का वक्त मांगने के बाद 16 फरवरी को दिल्ली गए थे।
क्या है मामला?
नगालैंड सरकार द्वारा शहरी स्थानीय निकाय चुनावों में 33 फीसदी सीट महिलाओं के लिए आरक्षित करने की घोषणा के बाद राज्य में विरोध-प्रदर्शन तेज हो गए थे। कई संगठनों ने मांग की थी कि राज्य सरकार स्थानीय निकाय चुनावों को निरस्त करे, प्रदर्शनकारियों पर 31 जनवरी को गोली चलाने वाले पुलिस और सुरक्षाकर्मियों को निलंबित करे और जेलियांग मुख्यमंत्री पद से हट जाएं।
नगालैंड की सरकार ने नगालैंड ट्राइब्स एक्शन कमिटी कोहिमा और ज्वाइंट को ऑर्डिनेशन कमिटी की मांग को स्वीकार करते हुए शहरी स्थानीय निकाय चुनावों की पूरी प्रक्रिया के साथ ही 33 फीसदी महिला आरक्षण को निरस्त कर दिया था।