मुंबई के 17 वर्षीय प्रतिभावान बल्लेबाज पृथ्वी शॉ ने गुरुवार को अपने पहले रणजी ट्रॉफी मैच में ही शतक ठोककर महान सचिन तेंदुलकर के कमाल को दोहरा दिया।
पृथ्वी शॉ को इस समय मुंबई के क्रिकेट जगत में मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर ही ही तरह प्रतिभावान माना जा रहा है और जब तमिलनाडु के खिलाफ सेमीफाइनल मुकाबले के लिए उन्हें मुंबई की टीम में स्थान दिया गया था तो हर कोई उम्मीद लगाए था कि वे सचिन की ही तरह रणजी ट्रॉफी में अपने करियर का धमाकेदार आगाज करेंगे।
पृथ्वी इन उम्मीदों पर खरे उतरे और अपने पहले ही मैच में सैकड़ा जड़ने में कामयाब रहे। पृथ्वी के अपने पदार्पण मैच में ही बनाए गए शतक से मुंबई ने आज यहां तमिलनाडु को छह विकेट से हराकर 46वीं बार रणजी ट्रॉफी के फाइनल में जगह बनाई जहां उसका सामना गुजरात से होगा। फाइनल 10 से 14 जनवरी के बीच इंदौर में खेला जाएगा।
3 साल पहले स्कूली मैच में 546 रन की पारी खेलकर चर्चा में आने वाले 17 वर्षीय बल्लेबाज पृथ्वी ने 120 रनों की जबर्दस्त पारी खेली जिससे 41 बार के चैंपियन मुंबई ने खेल के 5वें और अंतिम दिन गुरुवार को यहां 251 रनों का लक्ष्य 4 विकेट खोकर हासिल कर लिया।
भाषा की खबर के अनुसार, मुंबई अब 42वीं बार खिताब जीतने के लिए गुजरात से भिड़ेगा जिसने बुधवार को झारखंड को हराकर दूसरी बार फाइनल में प्रवेश किया था। तमिलनाडु ने बुधवार को अपनी दूसरी पारी 6 विकेट पर 356 रन पर समाप्त घोषित करके मुंबई के सामने चुनौतीपूर्ण लक्ष्य रखा था लेकिन पृथ्वी की शानदार बल्लेबाजी ने इसे बौना बना दिया।
दाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने 272 मिनट क्रीज पर बिताए और 175 गेंदें खेलीं. उन्होंने अपनी पारी में 13 चौके और एक छक्का लगाया।
अपनी पारी के दौरान पृथ्वी ने तीन अर्धशतकीय साझेदारियां भी निभाईं. मैन आफ द मैच पृथ्वी ने प्रफुल्ल वाघेला (36) के साथ पहले विकेट के लिये 90, श्रेयस अय्यर (40) के साथ दूसरे विकेट के लिये 91 और सूर्यकुमार यादव (34) के साथ तीसरे विकेट के लिए 57 रन जोड़े।
पृथ्वी आखिर में बाएं हाथ के स्पिनर औशिक श्रीवानिस (73 रन देकर दो विकेट) की गेंद पर डीप मिडविकेट पर कैच देकर पेवेलियन लौटे लेकिन तब मुंबई लक्ष्य से केवल दस रन दूर था।