समाजवादी कुनबे में एक बार फिर कलह मच सकती है, इस बार कलह की मुख्य वजह राष्ट्रपति चुनाव है। दरअसल, समाजवादी पार्टी(सपा) के संरक्षक मुलायम सिंह यादव ने अपने बेटे और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को दरकिनार करते हुए राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए को समर्थन देने का एलान किया है। हालांकि, मुलायम ने इसके साथ एक शर्त भी रखी है कि उम्मीदवार सभी द्वारा स्वीकार्य व कट्टर भगवा चेहरा नहीं होना चाहिए।माना जा रहा है कि इस एलान को लेकर सपा प्रमुख अखिलेश यादव और मुलायम सिंह के बीच एक बार फिर से टकराव सामने आ सकता है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, मुलायम ने बीजेपी की अगुआई वाले एनडीए के नेताओं को भरोसा दिया है कि समाजवादी पार्टी राष्ट्रपति चुनाव में उन्हें समर्थन देगी।
हालांकि, मुलायम ने एक शर्त रखते हुए कहा है कि उम्मीदवार कट्टर भगवा चेहरा न हो और सभी द्वारा स्वीकार्य होना चाहिए। उधर, अखिलेश ने मुलायम के बयान पर कुछ भी कहने से इनकार कर दिया है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति चुनाव के लिए पार्टी के संरक्षक, वरिष्ठ नेताओं से चर्चा के बाद पार्टी विधायकों-सांसदों की बैठक में रजामंदी से फैसला किया जाएगा।
बता दें कि केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री वेंकैया नायडू और केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को मुलायम सिंह यादव से मुलाकात किए थे। जिसके बाद मुलायम ने एनडीए को समर्थन देने का एलान किया है। सूत्रों के मुताबिक, मुलायम ने कांग्रेस को लेकर अपने संशय के बारे में बीजेपी नेताओं को बताया।
साथ ही पार्टी के मामलों को संचालित करने के अपने बेटे अखिलेश के तौर-तरीकों पर भी आपत्ति जताई। सूत्रों ने दावा किया कि बीजेपी नेता आश्ववस्त हैं कि राष्ट्रपति चुनाव में समाजवादी पार्टी का ज्यादा से ज्यादा वोट उनके पाले में ही जाएगा। उधर, एनडीए के सियासी दांव से विपक्षी गोलबंदी बिखरने के खतरों को भांपते हुए वामपंथी दलों के साथ कांग्रेस ने भी विपक्ष का संयुक्त उम्मीदवार उतारने की अंदरूनी तैयारी तेज कर दी है।