मध्य प्रदेश के रतलाम जिले में सैलाना कस्बे की अदालत ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की सात साल पहले जिले में यात्रा के दौरान उनके सुरक्षा घेरे को तोड़कर उसमें प्रवेश करने और शासकीय कार्य में बाधा डालने के आरोप में एक टीवी पत्रकार और कैमरामेन को एक-एक साल के सश्रम करावास और 100-100 रूपये के अर्थदंड की सजा सुनाई है।
न्यूज एजेंसी भाषा के मुताबिक, अतिरिक्त जिला अभियोजक सीमा शर्मा ने मंगलवार (31 अक्टूबर) को बताया कि जिले में सैलाना के प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी विष्णु प्रसाद सोलंकी ने कल टीवी पत्रकार विजय मीणा और कैमरामैन विक्रांत सिंह ठाकुर को भारतीय दंड संहिता की धारा 456 के तहत एक साल के कठोर करावास और 100-100 रुपये के अर्थदंड की सजा सुनायी है।
उन्होंने बताया कि इसके साथ ही पत्रकार और कैमरामैन को भारतीय दंड संहिता की धारा 353 के तहत छह माह के कठोर कारावास की सजा भी सुनाई गयी है। उन्होंने बताया कि यह दोनों सजाएं एक साथ चलेगी।
क्या है पूरा मामला?
शर्मा ने बताया कि घटना 11 अप्रैल 2010 की रात 3.30 बजे की है। मुख्यमंत्री अपने काफिले के साथ ग्राम बेडदा प्राथमिक चिकित्सालय परिसर में रात्रि विश्राम के लिए रूके थे। उस दौरान आरोपी टीवी पत्रकार अपने कैमरामैन के साथ वहां पहुंचे थे और सुरक्षाकर्मियों के रोकने के बावजूद हाथापाई करते हुए अंदर घुस गये। इससे सुरक्षाकर्मियों को चोट आई थी। इसके बाद सुरक्षाकर्मियों को दोनों चकमा देकर मौके से भाग गए।
उन्होंने बताया कि 32 वीं बटालियन आरएफ कंपनी उज्जैन के प्लाटून कमांडर विजय कुमार माहोर ने घटना की प्राथमिकी पुलिस में दर्ज कराई। वहीं दूसरी ओर पत्रकार और कैमरामैन का कहना है कि वे मध्य रात्रि में मुख्यमंत्री की सुरक्षा व्यवस्था में खामियों का कवरेज करने गए थे। सुरक्षा घेरे में तैनात कर्मचारी सो रहे थे, जब उन्होंने कैमरे में उन्हें कैद कर लिया, तो विवाद हुआ।