हैदराबाद में ऑटो रिक्शा चालक मोहम्मद हबीब ने पेश की ईमानदारी की मिसाल, 1.4 लाख रुपये से भरा बैग यात्री को लौटाया

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क्या आपने कभी यह सोचा है कि किसी टैक्सी या ऑटो रिक्शा में आपके लाखों रुपये का बैग छूट जाए और वह आपको वापस भी मिल जाए। शायद नहीं न! लेकिन, ईमानदारी की एक ऐसी मिसाल सामने आई है जिससे साबित होता है कि देश-दुनिया में ईमानदारी और सच्चाई आज भी जिंदा है। हैदराबाद में ऑटो रिक्शा चालक मोहम्मद हबीब ने कोरोना महामारी के बीच ईमानदारी की मिसाल पेश करते हुए 1.4 लाख रुपये से भरा बैग यात्री को वापस कर दिया।

हैदराबाद

दरअसल, हर दिन की तरह दो बच्चों के पिता मोहम्मद हबीब अपने परिवार की जरूरतों को पूरा करने के लिए अपना ऑटो रिक्शा लेकर घर से निकले। सिद्दीम्बर बाजार क्षेत्र के पास दो महिलाओं को छोड़ने के बाद वह लगभग 2.30 बजे तक तडबन लौट आए। जब वह पानी की बोतल के लिए यात्री की सीट के पीछे देखा तो वहां पर उन्हें एक बैग दिखाई दिया। इस बैग के अंदर क्या हो सकता है, यहीं सोचकर वह वापस वहां गए जहां उन्होंने पिछली यात्रियों को छोड़ा था। वहां पहुंचने के बाद उन्होंने बैग खोला तो उसे देखकर वह दंग रह गए, क्योंकि उसमें बहुत सारे पैसे रखे हुए थे।

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, ऑटो रिक्शा चालक मोहम्मद हबीब ने बताया कि, “चूंकि यात्रियों का पता लगाने के लिए उसमें कोई चीज नहीं था, इसलिए उन्होंने स्थानीय पुलिस स्टेशन से संपर्क करना सबसे अच्छा समझा।” मोहम्मद हबीब अपनी पत्नी, बेटी और बेटे के साथ हसन नगर में रहता है।

कालापत्थर पुलिस स्टेशन में पुलिस अधिकारियों को जब बैग खोला तो उसमें उन्हें 1.4 लाख रुपये मिले। स्टेशन हाउस अधिकारी (SHO) एस सुदर्शन के अनुसार, आयशा नाम की यात्री ऑटो रिक्शा में अपना बैग भूल गई थी और हबीब के पुलिस स्टेशन पहुंचने से पहले उसने इस मामले को लेकर पुलिस से संपर्क किया था।

एसएचओ ने कहा, “यात्री बैग को भूल गए थे और ड्राइवर ने इसे नहीं देखा था। जब उसने बैग देखा तो उसके बाद वह यात्री को खोजने की बहुत कोशिश की, लेकिन जब वह नहीं मिले तो उसके बाद वह लगभग 4 बजे तक हमारे पास आया। बैग खोने वाली महिला भी तब तक पुलिस स्टेशन पहुंच गई थी।” उन्होंने कहा, “इस मामले में उस समय तक कोई शिकायत नहीं लिखी गई थी। दोनों ने एक-दूसरे को पहचान लिया और नकदी से भरा बैग यात्री को सौंप दिया गया।”

ईमानदारी की मिसाल पेश करने वाले हबीब को महिलाओं ने 5,000 रुपये से सम्मानित किया। वहीं, एसएचओ ने हबीब को शाल और माला पहनाकर सम्मानित किया। हबीब ने कहा, “वे अपना पैसा पाकर बहुत खुश थे। उन्होंने मुझे बहुत धन्यवाद दिया।”

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