जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकॉ) के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने सोमवार (1 अप्रैल) को विवादित बयान देते हुए कथित तौर पर कहा कि उनकी पार्टी जम्मू कश्मीर के विशेष दर्जे पर किसी भी तरह के हमले को स्वीकार नहीं करेगी और ‘सदर-ए-रियासत’ और ‘वजीर-ए-आजम’ समेत राज्य के विलय की शर्तों की पुनर्बहाली की कोशिश करेगी। उत्तरी कश्मीर के बांदीपोरा में एक जनसभा को संबोधित करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि जम्मू कश्मीर का भारत में विलय कुछ शर्तों के साथ हुआ था और अगर उनसे छेड़छाड़ हुई तो विलय की पूरी योजना ही सवालों के दायरे में आ जाएगी।

पूर्व सीएम ने कहा, “जम्मू-कश्मीर बाकि राज्यों की तरह नहीं है। बाकी राज्य हिंदुस्तान में मिल गए। हम भारत के दूसरे राज्यों से इतर कुछ शर्तों के साथ उनसे मिले थे। क्या भारत में किसी और राज्य का अपना झंडा और संविधान है? हमारा विलय भारत में कुछ शर्तों के साथ हुआ था।” अब्दुल्ला ने कहा कि 70 साल बाद, राज्य के विशेष दर्जे का विरोध करने वाली शक्तियां शर्तों से पीछे हटने की कोशिश कर रही हैं।
#WATCH Omar Abdullah in Bandipora says, "Baaki riyasat bina shart ke desh mein mile, par humne kaha ki humari apni pehchan hogi, apna constitution hoga. Humne uss waqt apne 'Sadar-e-Riyasat' aur 'Wazir-e-Azam' bhi rakha tha, Inshallah usko bhi hum wapas le aayenge." pic.twitter.com/mPPoELKT8G
— ANI (@ANI) April 1, 2019
उन्होंने कहा, “लेकिन हम अपने राज्य के दर्जे से छेड़छाड़ करने वाले किसी भी प्रयास का मुकाबला करेंगे। हम अपने विशेष दर्जे पर किसी और हमले की इजाजत नहीं देंगे। इसके विपरीत हम उसे फिर हासिल करने की कोशिश करेंगे जिसका उल्लंघन किया गया। हम अपने राज्य के लिये ‘सदर-ए-रियासत’ और प्रधानमंत्री पद फिर से हासिल करने के लिये प्रयास करेंगे।” अनुच्छेद 35ए के खिलाफ अमित शाह के कथित बयान की निंदा करते हुए अब्दुल्ला ने कहा कि जब तक उन्होंने विधानसभा में इसे नहीं उठाया था तब तक किसी को भी अनुच्छेद 35 ए के बारे में पता नहीं था।
पीएम मोदी का ‘महागठबंधन’ पर पलटवार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हैदराबाद की एक चुनावी रैली में नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला पर कश्मीर के लिए अलग प्रधानमंत्री की वकालत वाले बयान पर पलटवार किया है। प्रधानमंत्री मोदी ने कांग्रेस और महागठबंधन की पार्टियों के नेताओं से कहा कि वे इस पर अपना रुख स्पष्ट करें। मोदी ने कहा कि मीडिया में ऐसी खबरें हैं कि उमर अब्दुल्ला ने कहा है कि कश्मीर के लिए एक अलग प्रधानमंत्री होना चाहिए। उन्होंने सवाल किया कि हिन्दुस्तान के लिए दो प्रधानमंत्री? क्या आप इससे सहमत हैं? कांग्रेस को जवाब देना होगा और महागठबंधन के सभी सहयोगियों को जवाब देना होगा। क्या कारण हैं और उन्हें ऐसा कहने की हिम्मत कैसे हुई?
उन्होंने कहा कि वे तृणमूल कांग्रेस प्रमुख एवं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा, आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू और राकांपा प्रमुख शरद पवार से भी पूछना चाहते हैं कि क्या वे उमर अब्दुल्ला के बयान से सहमत हैं? उन्होंने कहा कि मैं बंगाल की दीदी से पूछना चाहता हूं, जो काफी शोर मचाती हैं, क्या आप इससे सहमत हैं? जनता को जवाब दीजिए। नेशनल कॉन्फ्रेंस आपकी दोस्त है। आंध्रप्रदेश में एक यू-टर्न बाबू हैं। ये यू-टर्न (चंद्रबाबू) बाबू से जिनके साथ हाल में फारुक अब्दुल्ला ने आंध्रप्रदेश में प्रचार किया था, उन्हें भी जवाब देना चाहिए। क्या आप मानते हैं कि नायडू को वोट मिलने चाहिए?
National Conference wants 2 PMs, 1 in Kashmir & 1 for rest of India.
Does Mamata Didi agree?
Does U-Turn Babu agree?
Does Pawar Sahab agree?
Does former PM Deve Gowda Ji agree?Shame on the Opposition!
Till Modi is there, no one can divide India! pic.twitter.com/hKVS0vgu2d
— Chowkidar Narendra Modi (@narendramodi) April 1, 2019
पीएम मोदी ने कहा कि राकांपा के शरद पवार और पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा जिनके पुत्र कर्नाटक के मुख्यमंत्री हैं, उन्हें भी जवाब देना चाहिए। क्या आप उनके (महागठबंधन) साथ जाना चाहेंगे? क्या उनसे अलग होंगे? क्या आप देश को वापस 1953 में ले जाना चाहते हैं? मोदी ने कहा कि विपक्ष द्वारा विभाजन की राजनीति की जा रही है जिससे देश पर नकारात्मक असर पड़ेगा और जब तक वे केंद्र में हैं, ऐसी विभाजक साजिशों को देश को बांटने की इजाजत नहीं देंगे।
उन्होंने कहा कि 2-3 दिन पहले नेशनल कॉन्फ्रेंस के एक नेता ने पाकिस्तान जिंदाबाद का नारा लगाया था। कांग्रेस ने हमेशा राष्ट्रविरोधी ताकतों को मजबूती देने की कोशिश की। इसी मानसिकता की वजह से ये लोग सर्जिकल स्ट्राइक पर सवाल उठाते हैं। वे रक्षा बलों की बहादुरी का अपमान करते हैं। उन्होंने कहा कि जब तक मोदी यहां हैं, आप अपनी साजिशों में कामयाब नहीं होंगे। मोदी देश के दुश्मनों और देश के लोगों के बीच दीवार बनकर खड़ा है। एक मजबूत देश के लिए हमें एक मजबूत सरकार की जरूरत है, न कि असहाय सरकार की।
अब्दुल्ला बोले- सम्मानित महसूस कर रहा हूं
वहीं, प्रधानमंत्री की टिप्पणी के बाद उमर ने श्रीनगर में कहा कि वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा उनके भाषण को दी गई तवज्जो से बेहद सम्मानित महसूस कर रहे हैं। उमर ने ट्विटर पर लिखा कि प्रधानमंत्री मोदी द्वारा मेरे भाषण को दी गई तवज्जो से मैं बेहद सम्मानित महसूस कर रहा हूं और बीजपी के सोशल मीडिया प्रकोष्ठ का भी आज (सोमवार) के मेरे भाषण को महत्व देने के लिए शुक्रगुजार हूं, खासकर उसे वॉट्सएप पर पत्रकारों को भेजने के लिए। आपकी पहुंच मुझसे कहीं ज्यादा है।
It’s not what @JKNC_ wants sir, it’s what the terms of accession guaranteed J&K, it’s what the Constitution of India (the same Constitution you take an oath to uphold) guaranteed J&K. All we ask is what the Constitution gave to J&K. https://t.co/aLHJXacpzO
— Omar Abdullah (@OmarAbdullah) April 1, 2019
जेटली ने भी साधा निशाना
वहीं वित्तमंत्री अरुण जेटली ने उमर के बयान पर एक ब्लॉग लिखकर निशाना साधते हुए कहा कि यह अलगाववादी सोच को दर्शाता है और आधुनिक भारत किसी भी सरकार को कभी ऐसी गलती करने की इजाजत नहीं देगा। जेटली ने ब्लॉग में लिखा कि कश्मीर में दो मुख्य धारा के दल (नेशनल कॉन्फ्रेंस और महबूबा मुफ्ती की पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी) अपनी पहचान खोते जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि अलगाववादी और आतंकवादी चाहते हैं कि राज्य का एक हिस्सा भारत से अलग हो जाए और भारत कभी इसे स्वीकार नहीं करेगा। अलगाववादियों व आतंकवादियों और पाकिस्तान को स्पष्ट रूप से ये संदेश दे दिया गया है कि आजादी की कहीं से भी कोई संभावना नहीं है। यह असंभव है। (इनपुट- भाषा के साथ)