केंद्र सरकार ने 10 केंद्रीय एजेंसियों को किसी भी कंप्यूटर सिस्टम में रखे गए सभी डेटा की निगरानी करने और उन्हें देखने के अधिकार दे दिए हैं। केंद्रीय गृह मंत्रालय के साइबर एवं सूचना सुरक्षा प्रभाग द्वारा गुरुवार देर रात गृह सचिव राजीव गाबा के जरिए यह आदेश जारी किया गया। सरकार के इस आदेश पर विपक्षी पार्टियों ने नाराजगी जताई है।
गृह मंत्रालय द्वारा कंप्यूटर की निगरानी बाले आदेश पर केंद्र में एनडीए की सहयोगी और महाराष्ट्र में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) सरकार में साथ देने वाली भड़की शिवसेना ने कहा है कि पीएम मोदी को देश में आपातकाल घोषित कर देना चाहिए।
समाचार एजेंसी ANI के मुताबिक, शिवसेना नेता मनीषा कयांदे ने कहा, ‘इस तरह के नोटिफिकेशन जारी होने के बाद मोदी जी को देश में आपातकाल घोषित कर देना चाहिए।’ वहीं इस मामले को लेकर विपक्षी दलों ने भी मोदी सरकार पर जोरदार हमला बोला है।
Manisha Kayande, Shiv Sena on MHA order allowing 10 agencies to monitor any computer resource: Instead of issuing such notifications, Modi ji should just officially declare that there is an emergency in the country pic.twitter.com/FK8ycNTDpn
— ANI (@ANI) December 22, 2018
दरअसल, मंत्रालय ने शुक्रवार (21 दिसंबर) को जारी बयान में कहा कि नया आदेश किसी सुरक्षा या कानून लागू कराने वाली एजेंसी को कोई नई शक्ति नहीं दे रहा। अधिकारियों ने बताया कि आदेश के मुताबिक, 10 केंद्रीय जांच और खुफिया एजेंसियों को अब सूचना प्रौद्योगिकी कानून के तहत किसी कंप्यूटर में रखी गई जानकारी देखने, उन पर नजर रखने और उनका विश्लेषण करने का अधिकार होगा।
इन 10 एजेंसियों में खुफिया ब्यूरो (आईबी), नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी), प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी), राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई), केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई), राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए), रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ), सिग्नल खुफिया निदेशालय (जम्मू-कश्मीर, पूर्वोत्तर और असम में सक्रिय) और दिल्ली पुलिस शामिल हैं।
समाचार एजेंसी भाषा की रिपोर्ट के मुताबिक, आदेश में कहा गया है कि ‘उक्त अधिनियम (सूचना प्रौद्योगिकी कानून, 2000 की धारा 69) के तहत सुरक्षा और खुफिया एजेंसियों को किसी कंप्यूटर सिस्टम में तैयार, पारेषित, प्राप्त या भंडारित किसी भी प्रकार की सूचना के अंतरावरोधन (इंटरसेप्शन), निगरानी (मॉनिटरिंग) और विरूपण (डीक्रिप्शन) के लिए प्राधिकृत करता है।’ वहीं, सरकार के इस आदेश पर विपक्षी पार्टियों का कहना है कि यह ‘मौलिक अधिकारों पर हमला’ है।
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा, ‘मोदी जी, भारत को पुलिस राज में बदलने से आपकी समस्याएं हल नहीं होने वाली है।’ उन्होंने कहा, ‘इससे एक अरब से अधिक भारतीय नागरिकों के समक्ष सिर्फ यही साबित होने वाला है कि आप किस तरह के असुरक्षित तानाशाह हैं।’
कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट कर कहा, ‘अबकी बार, निजता पर वार। मोदी सरकार ने निजता के मौलिक अधिकार का मजाक बनाया है। चुनाव हारने के बाद मोदी सरकार आपके कंप्यूटर की जासूसी कराना चाहती है।’ कांग्रेस नेता अहमद पटेल ने गृह मंत्रालय की ओर से जारी आदेश पर चिंता प्रकट करते हुए कहा, ‘इलेक्ट्रॉनिक निगरानी की अनुमति देने का सरकार का आदेश नागरिक स्वतंत्रता एवं लोगों की निजी स्वतंत्रता पर सीधा हमला है। इसके दुरुपयोग की आशंका है।’