देश के उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत समेत कई पदाधिकारियों के अकाउंट से ब्लू टिक हटने के बाद नए आईटी नियमों को लेकर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने शनिवार को माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर को ‘एक आखिरी नोटिस’ जारी किया है। सरकार ने ट्विटर को अंतिम चेतावनी देते हुए कहा कि नए डिजिटल नियम तुरंत लागू करे वरना गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते।
इस नोटिस में सरकार ने ट्विटर को दो टूक कहा कि वह 26 मई से सोशल मीडिया के लिए लागू की गई नए आईटी नियमों का पालन करे और अगर ट्विटर ने ऐसा नहीं किया तो सरकार भी ट्विटर इंडिया पर क़ानूनी कार्रवाई कर सकती है।सरकार की ओर से जारी आखिरी नोटिस में कहा गया है कि नए आईटी नियमों के अनुपालन में नाकाम रहने पर ट्विटर आईटी कानून के तहत दायित्व से छूट गंवा देगी।
मंत्रालय ने अपनी चिट्ठी में साफतौर पर कहा है कि अगर ट्विटर ने नए डिजिटल नियमों को नहीं माना तो IT एक्ट 2000 की धारा 79 के तहत उसका ‘इंटरमीडियरी’ का कानूनी दर्जा खत्म किया जा सकता है। चिट्ठी में आगे कहा गया है कि भारत के लोग जो ट्विटर प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करते हैं, उन्हें साफ-सुथरी मैकेनिज्म का अधिकार है, ताकि उनकी शिकायतों का उचित निवारण हो सके।
बता दें कि, सरकार द्वारा यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब ट्विटर ने शनिवार को आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत समेत कई पदाधिकारियों के ट्विटर अकाउंट से ब्लू टिक हटा दिया है और उसे अनवेरिफाइड कर दिया है। इसके अलावा उप राष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू के भी पर्सनल अकाउंट से ब्लू टिक हटा दिया था। हालांकि, कुछ देर बाद में उप राष्ट्रपति के अकाउंट का ब्लू टिक बहाल कर दिया गया।