प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस पर कटाक्ष करते हुए रविवार (18 नवंबर) को कहा कि खुद को दलितों, पीड़ितों, शोषितों की पैरोकार कहने वाली यह पार्टी गांधी परिवार से बाहर के लोगों को अध्यक्ष क्यों नहीं बनाती। प्रधानमंत्री मोदी ने छत्तीसगढ़ में दूसरे चरण के चुनाव प्रचार के लिए महासमुंद जिले में सभा को संबोधित किया। हालांकि इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने एक बार फिर से अपने भाषण के दौरान बड़ी गलती कर दी।
दरअसल, उन्होंने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सीताराम केसरी को ‘दलित’ बता दिया और कहा कि सोनिया गांधी को अध्यक्ष बनाने के लिए कांग्रेस ने उन्हें उठाकर बाहर फेंक दिया। जबकि जानकारों के मुताबिक सीतराम केसरी ‘दलित’ नहीं थे, बल्कि वे पिछड़े समाज वैश्य (बनिया) से थे। सीताराम केसरी बिहार के दानापुर के रहने वाले थे।
पीएम मोदी ने कहा, ‘‘कांग्रेस ने कहा है कि नेहरू जी की मेहरबानी है कि चाय वाला प्रधानमंत्री बन गया है। तब मैंने उन्हें चुनौती दी कि उन्होंने अगर इतनी उदार परंपरा प्रतिस्थापित की है तब पांच साल के लिए इस (गांधी) परिवार से बाहर के किसी व्यक्ति को कांग्रेस अध्यक्ष बना कर देखें। तब कुछ लोग सफाई देने लगे।’’ उन्होंने कहा ‘‘देश को पता है कि सीताराम केसरी जैसे दलित पीड़ित शोषित समाज से आए हुए व्यक्ति को पार्टी के अध्यक्ष पद से कैसे हटाया गया था।’’
पीएम मोदी ने कहा कि सीताराम केसरी एक दलित थे और कांग्रेस अध्यक्ष के तौर पर उन्हें पांच साल का कार्यकाल पूरा नहीं करने दिया गया बल्कि सोनिया गांधी के लिए रास्ता बनाने की खातिर उन्हें हटा दिया गया। उन्होंने कहा ‘‘जो लोग दलित, पीड़ित, शोषित को दो साल भी झेल नहीं पाए, वह कैसे पांच साल के लिए इस परिवार से बाहर के लोगों को अध्यक्ष बना सकते हैं।’’
Make a person outside the Nehru-Gandhi the Congress Party President for five years and I will agree that Pandit Nehru made a 'Chaiwallah' the PM.
India has not forgotten how a stalwart like Sitaram Kesri Ji was treated by one family. pic.twitter.com/f4HC0XJii7
— Narendra Modi (@narendramodi) November 18, 2018
कांग्रेस ने की निंदा
कांग्रेस ने पार्टी के पूर्व अध्यक्ष सीताराम केसरी को दलित बताने तथा शोषित समुदाय से आने संबंधी बयान के लिए प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधा और कहा कि केसरी दलित नहीं थे बल्कि अन्य पिछड़ा वर्ग से आते थे। कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने छत्तीसगढ़ में पीएम मोदी के भाषण पर एक न्यूज रिपोर्ट को टैग करते हुए ट्वीट किया, ‘‘केसरी दलित नहीं बल्कि बिहार के ओबीसी बनिया थे।’ उन्होंने कहा कि केसरी को सभी ने सम्मान दिया। तिवारी ने बताया, ‘‘1996-1998 के बीच उनके कानूनी मामलों में शामिल होने के नाते मैं यह दावे के साथ कह सकता हूं।’ कांग्रेस नेता तारिक अनवर ने भी कहा कि दिवंगत नेता केसरी बनिया समुदाय से ताल्लुक रखते थे।