भ्रामक विज्ञापन : जेल की सजा नहीं, लेकिन सेलिब्रिटियों पर प्रतिबंध लगाने की सिफारिश

0

भ्रामक विज्ञापनों में मशहूर हस्तियों (सेलिब्रिटियों) के काम करने पर प्रस्तावित जुर्माने को थोड़ा नरम बनाते हुए मंत्रियों के एक समूह ने सिफारिश की है कि इसके लिए दोषी पाए जाने पर उन्हें जेल की सजा न दी जाए लेकिन ऐसा करने के लिए उन पर तीन साल का प्रतिबंध लगा दिया जाए।

गौरतलब है कि वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता में इससे संबंधित नियमों को बनाने के लिए एक मंत्री समूह का गठन किया गया है।

ग्राहक सुरक्षा विधेयक-2015 में इन अतिरिक्त संशोधनों पर अब उपभोक्ता मामलों का मंत्रालय मंत्रिमंडल की अनुमति लेगा. लोकसभा में 30 साल पुराने ग्राहक सुरक्षा कानून को बदलने के लिए इस नए विधेयक को पहले ही पटल पर रखा जा चुका है।

उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान को उम्मीद है कि इस विधेयक को 16 नवंबर से शुरू हो रहे शीतकालीन सत्र में मंजूरी मिल जाएगी।

भाषा की खबर के अनुसार, एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बताया कि हाल की बैठक में मंत्री समूह ने भ्रामक विज्ञापन करने पर मशहूर हस्तियों को जेल की सजा देने की संसदीय समिति की सिफारिश पर विचार किया. समूह ने पाया कि दुनियाभर में कहीं भी इस तरह की सजा का प्रावधान नहीं है इसलिए इसके स्थान पर मंत्री समूह ने उन पर विज्ञापन करने से प्रतिबंध लगाने की सिफारिश की है।

अधिकारी ने बताया कि मंत्री समूह की सिफारिश है कि पहली बार नियम का उल्लंघन करने वाली हस्ती पर 10 लाख रुपये का जुर्माना और एक साल का प्रतिबंध लगाया जाए जबकि इसी तरह का उल्लंघन दोबारा करने पर 50 लाख रुपये का जुर्माना और तीन साल के लिए विज्ञापन करने पर प्रतिबंध लगाया जाए।

Previous articleतानाशाही और अंहकार से भरा मोदी का नोट बंदी का फैसला, मेहनतकशों को पीड़ा पहुंचा रहा हैः मायावती
Next articleDelhi a wakeup call for world on air pollution: UNICEF