#MeToo: एमजे अकबर के बचाव में उतरीं केंद्रीय मंत्री उमा भारती

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फिल्म इंडस्ट्री से ‘मी टू’ अभियान की शुरुआत होने के बाद इसकी चपेट में मीडिया जगत भी आ गया है और इसकी लपटें मोदी सरकार के एक मंत्री को अपने लपेटे में ले रही हैं। अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, अपने समय के मशहूर संपादक व वर्तमान में केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री एम.जे. अकबर पर 6 वरिष्ठ महिला पत्रकारों ने एमजे अकबर पर यौन उत्पीड़न और अनुचित व्यवहार के आरोप लगाए हैं।

इन महिलाओं ने उन पर तमाम मीडिया संस्थानों में संपादक रहते हुए यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया है। ‘मी टू’ अभियान के चलते कई महिलाओं की ओर से यौन उत्पीड़न के आरोप लगने के बाद एम जे अकबर मुश्किल में पड़ते नजर आ रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट की मानें तो अकबर को इस्तीफा भी देना पड़ सकता है। सूत्रों के मुताबिक, सरकार इस मामले में सख्त कदम उठा सकती है और वह व्यक्तिगत कारणों के हवाले से इस्तीफा दे सकते हैं।

वहीं, अब एम जे अकबर पर महिलाओं द्वारा लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोपों पर केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने अकबर का बचाव किया है। उमा ने यह मामला अकबर और महिलाओं के बीच का बताया है।

समाचार एजेंसी आईएएनएस की रिपोर्ट के मुताबिक, मध्य प्रदेश के सागर में राजमाता विजयाराजे सिंधिया की जन्म शताब्दी के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लेने पहुंची उमा ने इस मामले में मीडिया के सवाल का जवाब देते हुए कहा, ‘मैं इस मामले पर कुछ नहीं कहना चाहती। अकबर से जुड़ा मामला तब का है जब वह केंद्र सरकार में मंत्री नहीं थे। यह मामला पूरी तरह महिला और अकबर के बीच है। लिहाजा मैं इस पर कुछ नहीं कह सकती।’

पत्रकारों ने जब उमा से पूछा कि आप हमेशा महिलाओं के हितों की बात करती रही है, लेकिन इस मामले पर पीछे क्यों हट रही हैं, तो केंद्रीय मंत्री इसके बाद भी इस पर कुछ नहीं बोलीं और चुप्पी साधे रखी।

बता दें कि इससे पहले केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने #MeToo मूवमेंट के तहत सामने आ रहे मामलों की जांच के लिए कमिटी बनाने की बात कही है।

हालांकि, मोदी सरकार अब भी इस पर खामोशी बनाए है। कानून मंत्री रवि शंकर प्रसाद से बुधवार को संवाददाता सम्मेलन में जब इस पर सवाल किया गया तो उन्होंने इस पर कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। इससे पहले विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने भी अकबर के विरुद्ध लगे आरोपों के बारे में पूछे जाने कोई जवाब नहीं दिया था। जब पत्रकारों ने मामले पर जवाब देने के लिए दबाव डाला और पूछा कि क्या मामले के संबंध में कोई जांच होगी, तो वह वहां से कोई जवाब दिए बिना ही चली गईं।

बीजेपी नेत्री का विवादित बयान

इस बीच अकबर पर लगे आरोपों को लेकर मध्य प्रदेश भारतीय जनता पार्टी की महिला विंग की अध्यक्ष लता केलकर ने एक विवादास्पद बयान दिया है। मध्य प्रदेश BJP महिला शाखा की अध्यक्ष का कहना है कि केंद्रीय मंत्री पर आरोप लगाने वाली महिला पत्रकार इतनी भोली और मासूम नहीं होती हैं, जिनका कोई गलत फायदा उठा सके। समाचार एजेंसी ANI के मुताबिक, लता केलकर ने यह बयान गुरुवार (11 अक्टूबर) को दिया।

लता केलकर ने कहा, ‘जिन लोगों ने उन पर (अकबर) आरोप लगाए हैं, वे सभी पत्रकार हैं। मैं पत्रकार बहनों को इनोसेंट (मासूम) महिला नहीं कहती, जिसका कोई भी मिसयूज (गलत इस्तेमाल) कर ले। ये जो मीटू कैंपेन शुरू हुआ है, उसका मैं स्वागत करती हूं, और मैं मानती हूं कि ऐसा साहस मिला है कि वो अपने ऊपर हुए जुल्म को कह सकती हैं, क्योंकि कहना हमारे लिए प्राथमिकता है कि महिलाएं अपनी बात कहें।”

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