मोदी सरकार द्वारा 500 और 1000 रुपये के नोट पर पाबंदी लगाए जाने के पीएम मोदी के कदम को भाजपा नेताओं द्वारा खूब सरहाना मिल रही है लेकिन क्यूं बीजेपी ने यूपीए के शासन काल में सरकार के नोट बदलने के फैसले को लेकर इस पर सवाल खड़े किए थे।
जी हां ये खबर आज की नहीं, लगभग तीन वर्ष पुरानी है, परंतु सोशल मीडिया पर शेयर अब हो रही है और वायरल हो रही है।
क्या आप यकीन कर सकते हैं कि भारतीय जनता पार्टी ने कहा है कि करेंसी बदलने के फैसले से तो गरीब तबाह हो जाएंगे?
भाजपा ने आरोप लगाया था कि सरकार ने कालेधन पर काबू पाने के नाम पर वर्ष 2005 से पहले के सभी करेंसी नोट वापस लेने का जो निर्णय किया है वह आम आदमी को परेशान करने और उन ‘चहेतों’ को बचाने के लिए है जिनका भारत के कुल सकल घरेलू उत्पाद के बराबर का कालाधन विदेशी बैंकों में जमा है।
पार्टी ने कहा कि यह निर्णय बैंक सुविधाओं से वंचित दूर दूराज के इलाकों में रहने वाले उन गरीब लोगों की खून पसीने की गाढ़ी कमाई को मुश्किल में डाल देगा जिसे उन्होंने वक्त जरूरत के लिए जमा किया है।
भाजपा प्रवक्ता मीनाक्षी लेखी ने यहां कहा, अवसरों को गंवाने वाले संप्रग के 10 साल के शासन में पी चिदंबरम 7 साल वित्त मंत्री रहे हैं और अब सरकारी की चली चलाई की बेला में वह लोगों द्वारा पूछे जा रहे सवालों से भागने के लिए कालेधन के विषय से जनता के असली मु्द्दों को भ्रमित करना चाहते हैं।
उन्होंने कहा, ‘लेकिन सरकार का यह फैसला विदेशी बैंकों में अमेरिकी डालर, जर्मन ड्यूश मार्क और फ्रांसिसी फ्रांक आदि करेंसियों के रूप में जमा भारतीयों के कालेधन में से एक पाई भी वापस नहीं ला सकेगा।
इससे साफ है कि सरकार का विदेशों में जमा भारतीयों के कालेधन को वापस लाने का कोई इरादा नहीं है और वह केवल चुनावी स्टंट कर रही है।’ लेखी के अनुसार दूसरी ओर इस निर्णय से दूर दराज के इलाकों के गरीबों की मेहनत की कमाई पर पानी फिर जाने का पूरा खतरा पैदा हो गया है, क्योंकि देश की 65 प्रतिशत आबादी के पास बैंक खातों की सुविधाएं नहीं हैं।
उन्होंने आगे कहा-, सरकार द्वारा चलाई गई ये योजना काला धन का प्रसार रोकने में कुछ नहीं करती क्योंकि जिनके पास काला धन है, वो आसानी से सफेद कर लेंगे लेकिन जो आम आदमी हैं, जो अनपढ़ हैं जिनका कोई बैंक अकाउंट नहीं हैं जिन लोगों ने अपनी जमा पूंजी इकट्ठा की है वो खासे प्रभावित होंगे। भारत में 65 प्रतिशत लोगों के पास बैंक अकाउंट नहीं है।
मौजूदा सरकार ने विदेश में काला धन रोकने के लिए ऐसी कोई योजना नही बनाई है जिस्से विदेशों में काला धन वापस आ सके।
हमने पहले इस रिर्पोट में मीनाक्षी लेखी के इस विडियो को नया बताया था जबकि उनका ये बयान यूपीए सरकार के दौरान दिया था। इस त्रुटि के लिए हमें खेद है।