इटली लौटेगा दूसरे मरीन, सुप्रीम कोर्ट ने शर्तों के साथ दी इजाज़त, मोदी सरकार ने नहीं किया विरोध

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सुप्रीम कोर्ट ने साल 2012 में दो मलयाली मछुआरों की हत्या के मामले में दूसरे इतालवी मरीन सल्वाटोर जिरोन को कुछ शर्तों के साथ इटली जाने की इजाज़त दे दी है। गौरतलब है कि इटली के दूसरे मरीन जिरोन ने ज़मानत की शर्तों में रियायत के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी।

इसके अलावा हेग स्थित अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के एक ट्राइब्यूनल ने भारत में पकड़े गए इतालवी नौसैनिक को मुक़दमे की कार्यवाही पूरी होने तक कुछ शर्तों के साथ स्वदेश भेजे जाने का आदेश दिया था।

बीबीसी के मुताबिक मैसिमिलियानो लाटोर और सल्वाटोर जिरोन नाम के दो इतालवी नौसेनिकों को साल 2012 में ही हत्या के आरोप में ग़िरफ़्तार कर लिया गया था।

हालांकि इन नौसेनिकों का कहना था कि उन्होंने दो भारतीय मछुआरों वैलेंटीन और अजेश बिंकी को समुद्री डाकू समझ कर गोली चलाई थी। इस मामले में एक इतालवी नौसैनिक मैसिमिलियानो लाटोर को स्वास्थ्य कारणों से पहले ही इटली भेजा चुका है।

ABP न्यूज़ के मुताबिक, केंद्र सरकार ने मरीन के इटली लौटने की अर्ज़ी का विरोध नहीं किया। केंद्र की मोदी सरकार का विरोध न करना इस वजह से बेहद अहम है क्यूंकि खुद नरेंद्र मोदी ने विपक्ष में रहते हुए इस मुद्दे पर उस समय की केंद्र की कांग्रेस सरकार को अक्सर अपने निशाने पे लिया था।

२०१४ में अरुणाचल प्रदेश में एक भाषण के दौरान उन्होंने सोनिया गांधी पर सीधे निशान साधते हुए कहा था की मरीन्स को बचाने की कोशिश की जा रही है।

इस सन्दर्भ में उनका एक ट्वीट (नीचे) वायरल हुआ था। मोदी ने इस मुद्दे को सोनिया गांधी की देशभक्ति से भी जोड़ा था।

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