14 फरवरी को पुलवामा आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनातनी जारी है। पाकिस्तानी सेना द्वारा दो भारतीय सैन्य विमानों को पाकिस्तानी वायुसीमा में मार गिराए जाने और दो पायलटों को गिरफ्तार किए जाने के दावों के कुछ घंटों बाद बुधवार (27 फरवरी) शाम भारतीय विदेश मंत्रालय ने इस बात की पुष्टि की है कि भारत का एक मिग-21 लड़ाकू विमान भी क्षतिग्रस्त हुआ और एक पायलट भी लापता है।
भारतीय विदेश मंत्रालय के बयान और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के बयान के बाद दोनों देशों के बीच बढ़ती तल्खी के बीच पूर्व प्रधानमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डॉ. मनमोहन सिंह ने बुधवार को उम्मीद जतायी कि भारतीय और पाकिस्तानी नेतृत्व सूझबूझ से काम लेगा तथा वे आर्थिक विकास की ओर लौटेंगे।
उन्होंने यह बात यहां तीन मूर्ति भवन में एक समारोह में कही। समारोह में उन्हें पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने ‘प्रथम पी वी नरसिंह राव राष्ट्रीय नेतृत्व एवं आजीवन उपलब्धि पुरस्कार’ प्रदान किया। उन्होंने अपने संबोधन में कहा, ‘‘मैं उम्मीद करता हूं कि दोनों देशों का नेतृत्व सूझबूझ से काम लेगा तथा हम आर्थिक विकास में फिर लगेंगे जो भारत एवं पाकिस्तान की आधारभूत आवश्यकता है।’’
इस पुरस्कार के लिए आयोजक…गैर सरकारी संगठन ‘‘इंडिया नेक्सट’’ को धन्यवाद देते हुए उन्होंने कहा कि यह पुरस्कार उन्हें वर्षों तक प्रेरित करता रहेगा। उन्होंने कहा, ‘‘मैं इस सम्मान के लिए आपको धन्यवाद देता हूं। यह मेरे लिए विशेष दिन है। यह ऐसा दिन है जब हमारा देश आपसी आत्म विनाश की पागल दौड़ के कारण एक अन्य संकट में उलझ गया है। यह दौड़ भारत एवं पाकिस्तान, दोनों देशों में चल रही है।’’
सिंह ने कहा, ‘‘हमारी मूलभूत समस्या बढ़ती गरीबी.. रोगों से छुटकारा पाना है। इनसे दोनों देशों के लाखों नागरिक अभी तक पीड़ित हैं।’’ सिंह एवं मुखर्जी, दोनों ने यह उम्मीद जतायी कि अभी तक राव का जिस तरह से आकलन हुआ है उसके मुकाबले इतिहास उनका बेहतर ढंग से आकलन करेगा। (इंपुट: भाषा के साथ)