महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने आज कहा कि उनके मंत्रालय के बजट में कमी नहीं आयी है बल्कि वास्तव में 10,000 करोड़ रूपए ज्यादा मिले हैं।
इस पर कई विपक्षी सदस्यों ने 10,000 करोड़ रूपए के आवंटन पर सवाल किए।
पीटीआई भाषा की एक खबर के अनुसार, मेनका ने राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान पूरक सवालों के जवाब में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि ऐसा भले ही प्रतीत होता हो कि मंत्रालय के बजट में कटौती की गयी है लेकिन पिछले कुछ दिनों में हमें 10,000 करोड़ ज्यादा मिले हैं।
इस राशि को लेकर कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह सहित कई सदस्यों द्वारा सवाल किए जाने पर उन्होंने कहा कि वित्त आयोग ने राज्यों के लिए अधिक राशि आवंटित की है। उन्होंने कहा कि वित्त आयोग की सिफारिशों के अनुसार राज्यों के कोषों में वृद्धि हुयी है।
मेनका ने कहा कि कांग्रेस नीत संप्रग सरकार के कार्यकाल में बच्चों के आहार पर चार रूपए खर्च किए जा रहे थे जबकि मौजूदा सरकार ने उसे बढ़ाकर छह रूपए कर दिया है और इसे 10 रूपए किया जाएगा।
कुपोषण पर काबू के लिए सरकार द्वारा किए गए विभिन्न उपायों का जिक्र करते हुए मेनका ने कहा कि 70 हजार आंगनवाड़ी केंद्र जोड़े जाएंगे। उन्होंेने कहा कि गरीब वर्ग इस समस्या से सबसे ज्यादा प्रभावित है और इस पर काबू के लिए राष्ट्रीय पोषाहार मिशन में जोर दिया गया है।