पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दिल्ली में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) के 20 विधायकों की सदस्यता रद्द करने की सिफारिश के लिए चुनाव आयोग की आलोचना की है। उन्होंने कहा कि संवैधानिक निकाय का इस्तेमाल राजनीतिक बदले के लिए नहीं किया जा सकता। उन्होंने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का समर्थन जताया।
फाइल फोटोममता बनर्जी ने शुक्रवार(19 जनवरी) को ट्वीट कर कहा कि, इस समय हम पूरी तरह अरविंद केजरीवाल और उनकी टीम के साथ हैं। उन्होंने कहा, किसी संवैधानिक निकाय का इस्तेमाल राजनीतिक बदले के लिए नहीं किया जा सकता। चुनाव आयोग ने आप के 20 विधायकों की सुनवाई तक नहीं की, बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण। यह नैसर्गिक न्याय के सिद्धांतों के विपरीत है।
A Constitutional body cannot be used for political vendetta. The 20 AAP MLAs were not even given a hearing by the Hon EC. Most unfortunate. This goes against the principles of natural justice.At this hour we are strongly with @arvindkejriwal and his team
— Mamata Banerjee (@MamataOfficial) January 19, 2018
ममता बनर्जी के बाद सीपीआई-एम ने भी दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का समर्थन किया है।
सीपीआई-एम के वरिष्ठ नेता वृंदा करात ने कहा कि, “20 आप के विधायकों को अयोग्य करने का चुनाव आयोग प्रक्रिया और पदार्थों में गैर-लोकतांत्रिक और चयनात्मक है। यह एक स्वायत्त, स्वतंत्र, निष्पक्ष शरीर के रूप में चुनाव आयोग की विश्वसनीयता में वृद्धि नहीं करता है। हम चुनाव आयोग के फैसले का जोरदार विरोध करते हैं।”
Brinda Karat: EC decision to disqualify 20 AAP MLAs is undemocratic & selective in procedure & substance. It does not enhance the credibility of the election commission as an autonomous, independent, impartial body. We strongly oppose the decision of the EC.#AAPMLAsDisqualified
— CPI (M) (@cpimspeak) January 20, 2018
बता दें कि, शुक्रवार को चुनाव आयोग ने लाभ के पद वाले मामले में आम आदमी पार्टी (AAP) के 20 विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, चुनाव आयोग ने शुक्रवार (19 जनवरी) को अपनी रिपोर्ट राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को भेज दी है। अब सबकी नजरें राष्ट्रपति पर हैं, जो इस मामले पर अंतिम मुहर लगाएंगे।
अगर राष्ट्रपति AAP के विधायकों के विरुद्ध फैसला देते हैं, तो 70 सदस्यीय दिल्ली विधानसभा में आप पार्टी के विधायकों की संख्या 66 से घटकर सीधे 46 पर आ जाएगी। बता दें कि, राष्ट्रपति जब चुनाव आयोग की सिफारिश स्वीकार कर लेंगे तो 20 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव कराने होंगे।