पश्चिम बंगाल की मुख्यमत्री ममता बनर्जी और उनके तृणमूल कांग्रेस के प्रमुख नेताओं ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जैसे ट्विटर और फेसबुक पर अपनी डिस्पले पिक्चर (डीपी) रविवार (2 मई) रात को बदल दी। इससे पहले दिन में, एक विस्तृत फेसबुक पोस्ट में बनर्जी ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर धर्म को राजनीति के साथ मिलाने का आरोप लगाया और लोगों से किसी भी तरह की अराजकता और अशांति को रोकने का आग्रह किया।
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, क्रांतिकारी नेता नेताजी सुभाष चंद्र बोस, भगत सिंह, मातंगिनी हाजरा, नोबेल पुरस्कार विजेता कवि रवींद्रनाथ टैगोर और मशहूर कवि काजी नजरूल इस्लाम की तस्वीरों के साथ तृणमूल के आधिकारिक ट्विटर और फेसबुक अकाउंट की डीपी भी बदलकर ‘जय हिंद, जय बांग्ला’ कर दी गई।
19वीं सदी के बंगाल के पुनर्जागरण के अगुआ जैसे कि ईश्वर चंद्र विद्यासागर, राजा राम मोहन राय, धार्मिक और सामाजिक विचारक स्वामी विवेकानंद और भारतीय संविधान के जनक बी.आर. अम्बेडकर भी डीपी का हिस्सा हैं। बनर्जी और तृणमूल के अन्य नेताओं ने पिछले महीने कोलकाता में भाजपा प्रमुख अमित शाह के चुनाव रोड शो के दौरान हुई हिंसा और विद्यासागर की मूर्ति तोड़े जाने के विरोध में विद्यासागर की तस्वीर प्रदर्शित करने के लिए अपनी सोशल मीडिया डीपी को बदल दिया था।
फेसबुक पोस्ट कर BJP पर साधा निशाना
यह स्पष्ट करते हुए कि उन्हें किसी भी पार्टी के नारे के साथ कोई समस्या नहीं है, बनर्जी ने अपने विस्तृत फेसबुक पोस्ट में लिखा, “हम जनसाधारण को यह सूचित करना चाहते हैं कि भाजपा के कुछ समर्थक मीडिया के एक वर्ग के जरिए घृणा की विचारधारा फ़ैलाने का प्रयास कर रहे हैं- तथाकथित भाजपाई मीडिया तथा तथाकथित जाली वीडियो, जाली ख़बरें, झूठी ख़बरें, और दुष्प्रचार करके वे गड़बड़ी फैलाना चाहते हैं तथा सच्चाई और वास्तविकता को दबाना चाहते हैं। जहां तक मीडिया का सवाल है, हमें कोई समस्या नहीं है, क्योंकि यह उनकी पसंद और उनका विशेषाधिकार है। मुझे किसी भी राजनैतिक दल की रैली तथा उनके दल के मतलब के लिए बनाए गए नारों से कोई समस्या नहीं है। प्रत्येक राजनैतिक पार्टी का अपना नारा होता है। मेरी पार्टी का नारा जय हिन्द, वन्दे मातरम् है। वाम पार्टियों का नारा इंकलाब जिंदाबाद है। इसी प्रकार दूसरों के अलग-अलग नारे हैं। हम एक दूसरे का सम्मान करते हैं।”
उन्होंने अपने पोस्ट में आगे लिखा है, “जय सिया राम, जय राम जी की, राम नाम सत्य है आदि नारों का धार्मिक और सामाजिक अर्थ है। हम इन मनोभावों का आदर करते हैं। लेकिन भाजपा धार्मिक नारे, जय सिया राम को विकृत रूप से अपने पार्टी के नारे के रूप में काम में लगा रही है तथा इसके माध्यम से धर्म और राजनीति को एक साथ मिला रही है। हम तथाकथित आर एस एस द्वारा दूसरों पर इन जबरदस्ती के थोपे गए राजनीति नारों का सम्मान नहीं करते हैं जिसे बंगाल ने कभी भी मान्यता नहीं दी। यह जानबूझकर बर्बरता और हिंसा के जरिये घृणा की विचारधारा को बेचने जैसा है जिसका हम सभी को मिलजुल कर विरोध करना चाहिए।”
तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ने कहा कि कोई भी हर समय लोगों को ‘मूर्ख’ नहीं बना सकता है। उन्होंने बंगाल में फैलाए जा रहे विभाजन के प्रयास के प्रति लोगों को चेताया। उन्होंने लोगों से देश की धर्मनिरपेक्ष छवि को बरकरार रखने के लिए भाजपा के ऐसे कदमों का कड़ाई के साथ विरोध करने का आग्रह किया। ममता ने लिखा है, “कुछ लोग कभी-कभी कुछ समय तक कुछ लोगों को भ्रमित कर सकते हैं, लेकिन हमेशा सभी लोगों को भ्रमित नहीं किया जा सकता है।” ममता ने इस पोस्ट को अंग्रेजी, हिंदी और बांग्ला में लिखा है।