सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार(21 अगस्त) को 2008 के मालेगांव ब्लास्ट मामले में आरोपी ले. कर्नल प्रसाद श्रीकांत पुरोहित को अंतरिम जमानत दे दी है। इस मामले में कर्नल पुरोहित पिछले नौ साल से जेल में बंद थे। इससे पहले बॉम्बे हाई कोर्ट ने उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया था। बता दें कि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे कर्नल पुरोहित की पैरवी कर रहे हैं।
इससे पहले NIA ने पुरोहित को जमानत देने का विरोध किया था। नौ साल से बंद पुरोहित अब जेल से बाहर आ जाएंगे, हालांकि उनके खिलाफ केस चलता रहेगा। इससे पहले मालेगांव ब्लास्ट केस में 25 अप्रैल को बॉम्बे हाई कोर्ट ने साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को सशर्त जमानत दे दी थी। 2008 में हुए इस धमाका मामले में हाईकोर्ट ने साध्वी को 5 लाख के निजी मुचलके पर जमानत दी थी।
उस दिन कर्नल पुरोहित को जमानत देने से बॉम्बे हाईकोर्ट ने इनकार कर दिया था। प्रज्ञा के जमानत को आधार बनाकर पुरोहित की पैरवी कर रहे वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने कोर्ट में दलील दी थी कि उन्हें और साध्वी प्रज्ञा को इस घटना में शामिल बताने वाले कई गवाह बयान बदल चुके हैं। इसी आधार पर प्रज्ञा को हाई कोर्ट ने जमानत दी। लेकिन उन्हें राहत नहीं दी गई।
बता दें कि 29 सितंबर, 2008 को मालेगांव विस्फोट हुआ था, जिसमें छह लोगों की मौत हो गई थी और कई लोग घायल हो गए थे। शुक्रवार की नमाज के बाद एक मस्जिद में एक मोटरसाइकिल पर बम विस्फोट हुआ था। इस मामले में पुरोहित की गिरफ्तारी के फौरन बाद सेना ने कोर्ट ऑफ इंक्वायरी का आदेश दिया, जिससे बाद में पुरोहित को सेवा से बर्खास्त करने की सिफारिश की गई।