मालदीव सरकार ने देश की सुरक्षा और जन सुरक्षा के मद्देनजर देशभर में 30 दिनों के लिए आपातकाल की घोषणा कर दी है, जो स्थानीय समयानुसार बुधवार दोपहर 12 बजे से लागू हो गई है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रपट के मुताबिक, अटॉर्नी जनरल मोहम्मद अनिल ने मालदीव के राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन के फैसले की घोषणा की। हाल ही में आग्नेयास्त्रों और विस्फोटकों के मिलने के बाद राष्ट्रपति ने राष्ट्रीय सुरक्षा समिति की सलाह पर यह फरमान जारी किया है।
यह घोषणा मुख्य विपक्षी दल मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी (एमडीपी) की प्रस्तावित व्यापक विरोध प्रदर्शन की योजना से दो दिन पहले की गई है। पार्टी के नेता मोहम्मद नशीद आतंकवाद रोधी कानून के तहत दोषी ठहराए जाने के बाद जेल में हैं।
2013 के फ्रीडम ऑफ एसेंबली अधिनियम को निलंबित कर दिया गया है।
मालदीव के संविधान के अनुच्छेद 254 के अंतर्गत आपातकाल की स्थिति मेंकानूनों को अस्थायी रूप से निलंबित किया जा सकता है और कुछ मौलिक अधिकार और स्वतंत्रता छीनी जा सकती है।
राष्ट्रपति या उपराष्ट्रपति पर महाभियोग चलाने के किसी प्रस्ताव पर मतदान से पूर्व, संविधान द्वारा प्रदत्त, 14 दिनों के नोटिस की अवधि को घटाकर सात दिन कर दिया गया है।
सत्तारूढ़ दल ने 28 अक्टूबर को उपराष्ट्रपति अहमद अदीब पर महाभियोग चलाने का प्रस्ताव पेश किया था।
अदीब को 28 सितम्बर को राष्ट्रपति की मोटरबोट में विस्फोट में लिप्त होने के संदेह में गिरफ्तार कर लिया गया है। सरकार का कहना है कि राष्ट्रपति को निशाना बनाने के लिए इस्तेमाल किए गए बम से विस्फोट हुआ था।
राष्ट्रपति के सरकारी आवास के समीप भी एक अन्य विस्फोटक बरामद हुआ था, जिसे सेना से निष्क्रिय कर दिया था।