महाराष्ट्र में पिछले दिनों भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की सरकार पर उनके ही एक वरिष्ठ नेता द्वारा चूहा मारने में धांधली का गंभीर आरोप लगाए जाने के बाद अब चाय घोटाला का सनसनीखेज मामला सामने आया है। इसके बाद मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस एक बार फिर विपक्ष के निशाने पर आ गए हैं। कांग्रेस पार्टी ने बुधवार (28 मार्च) को महाराष्ट्र सरकार पर आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) में रोजाना 18,500 कप चाय की खपत है।
दरअसल, सूचना का अधिकार (आरटीआई) से मिली जानकारी के अनुसार पिछले तीन साल में मुख्यमंत्री के दफ्तर में चाय का खर्च 577 प्रतिशत बढ़ गया है। वर्ष 2017-18 में मुख्यमंत्री मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के कार्यालय (सीएमओ) ने चाय पर लगभग 3 करोड़ 34 लाख रुपये खर्च किए। आरटीआई के जरिए मिली इस जानकारी को मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष संजय निरुपम ने बुधवार (28 मार्च) को सबके सामने रखा।
समाचार एजेंसी IANS के हवाले से द हिंदू में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक कांग्रेस महाराष्ट्र सरकार पर चाय-घोटाला का आरोप लगाते हुए कहा कि मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) में रोजाना 18,500 कप चाय की खपत है। संजय निरुपम ने आरटीआई के तहत मिली जानकारी का हवाला देते कहा कि पिछले तीन साल में सीएमओ में चाय की खपत पर खर्च में भारी वृद्धि हुई है।
आरटीआई से मिली जानकारी के अनुसार, वर्ष 2015-16 में सीएमओ में चाय पर 57,99,150 रुपये खर्च हुए, जबकि इस मद में खर्च 2017-18 में बढ़कर 3,34,64,904 रुपये हो गया। उन्होंने कहा कि चाय पर हुआ खर्च चौंकाने वाला है। सीएमओ में रोजाना 18,591 कप चाय की खपत है। यह कैसे संभव है?
उन्होंने पूछा कि (मुख्यमंत्री देवेंद्र) फडणवीस किस प्रकार की चाय पीते हैं? क्योंकि मैंने सिर्फ ग्रीन टी, येलो टी और इसी तरह के कुछ नाम सुने हैं। निरुपम ने व्यंग्य करते हुए कहा, लगता है सीएम और सीएमओ इतना बड़ा बिल बनाने के लिए कुछ बेहद खर्चीली गोल्डन टी का उपयोग करते हैं।
संजय निरुपम ने कहा कि विडंबना है कि महाराष्ट्र में रोज किसानों की मौत हो रही है लेकिन सीएमओ चाय पर करोड़ रुपये खर्च कर रहा है। उन्होंने सवाल किया कि क्या रोजाना सीएमओ में 18,000 लोगों को चाय पिलाना व्यावहारिक है। उन्होंने व्यंग करते हुए कहा कि मंत्रालय के चूहे चाय पीते होंगे।
उनका इशारा पूर्व मंत्री एकनाथ खडसे के उस बयान की तरफ था जिसमें उन्होंने महज एक सप्ताह में मंत्रालय के 319,400 चूहों को मारने का दावा किया था। बाद में प्रदेश सरकार ने सफाई देते हुए कहा कि उन्होंने मंत्रालय में चूहों को मारने के लिए 3,19,400 चूहा नाशक दवाओं के इस्तेमाल के बारे में कहा था।
नवभारत टाइम्स के मुताबिक, कांग्रेस के इन आरोपों के जवाब में सीएमओ ने अपनी सफाई में कहा कि आरटीआई में दी गई जानकारी का गलत अर्थ निकाला गया है। सीएमओ ने कहा कि यह रकम सिर्फ चाय पर खर्च नहीं हुई है, अपितु इसमें चाय, नाश्ता, खाना, मंत्रिमंडल की बैठकों में परोसा जाने वाला नाश्ता, सत्कार के लिए लगने वाले पुष्पगुच्छ, शॉल-श्रीफल, गिफ्ट, विभिन्न विभागों की बैठक, मुख्यमंत्री से मिलने आने वाले शिष्टमंडल आदि के स्वागत सत्कार का खर्च भी शामिल है।