मध्य प्रदेश के सागर जिले में डॉक्टरों की एक बड़ी लापरवाही का मामला सामने आया है। जिला नागरिक अस्पताल में गुरुवार की रात इलाज के दौरान एक मरीज को डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया था। जिसके बाद जब शुक्रवार सुबह उसे पोस्टमॉर्टम के लिए ले जाया जाने लगा, तब पता चला कि वह जिंदा है। अस्पताल के सीएमओ ने इसे लापरवाही करार दिया है और जांच की बात कही है।
प्रतिकात्मक फोटोयह मामला सागर जिले के बीना कस्बे के सरकारी अस्पताल का है, जहां डॉक्टर द्वारा मृत घोषित 72 वर्षीय एक व्यक्ति रात भर मुर्दाघर में रहने के बाद दूसरे दिन पुलिस को जिंदा मिला। हालांकि, इसके कुछ देर बाद ही इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। एनडीटीवी के मुताबिक, शनिवार को बताया गया कि मृतक की पहचान छतरपुर जिले के नौगांव कस्बे के रहने वाले काशीराम (72) के तौर पर की गई है।
पुलिस ने NDTV को बताया कि 72 वर्षीय काशीराम को गुरुवार को सागर जिले के बीना सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जब वह सड़क पर बेहोश पाए गए थे। जो डॉक्टर ड्यूटी पर थे, उन्होंने रात 9 बजे के आस पास पुलिस को एक नोट भेजा कि काशीराम की मौत हो गई है। अस्पताल के एक कर्मचारी ने बीना पुलिस थाने में नोट पहुंचाया।
वरिष्ठ पुलिस अधिकारी विक्रम सिंह ने बताया कि शुक्रवार की सुबह, जब थाने के पुलिसकर्मी शव के पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल पहुंचे, तो वृद्ध व्यक्ति को मृत घोषित कर दिया गया था। लेकिन उसी दौरान जब पुलिस पोस्टमॉर्टम के लिए पहुंची तो मरीज जिंदा मिला। जिसके बाद फौरन डॉक्टरों को बुलाकर इलाज शुरू कराया गया।
हालांकि, इसके बाद शुक्रवार सुबह 10.20 बजे बुजुर्ग की मौत हो गई। उन्होंने कहा कि जिंदा इंसान को रातभर मुर्दाघर में रखना घोर लापरवाही है। हमने जिला प्रशासन को इसकी रिपोर्ट भेजी है। पुलिस ने बताया कि बुजुर्ग को पहली बार 14 जून को इलाज के लिए बीना के शासकीय अस्पताल में भर्ती किया गया था।
Madhya Pradesh: A man who was declared dead by doctors last night in District Civil Hospital, Sagar, was found alive today morning when he was taken for postmortem. DR RS Roshan (CMO) says,"The negligence done by the doctor will be investigated." pic.twitter.com/D1rATuTmmA
— ANI (@ANI) June 21, 2019
जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) डॉ एसआर रोशन ने कहा कि इस मामले में डॉक्टर की लापरवाही की जांच की जायेगी। बीना के एसडीएम के एल मीणा ने कहा कि मामले की जांच रिपोर्ट सीएमएचओ को भेजी जायेगी और इसके बाद ही दोषी डॉक्टर के खिलाफ कोई कार्रवाई की जाएगी।