केरल के विवादित ‘हादिया-शैफीन निकाह’ मामले में हादिया ने सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार (20 फरवरी) को एक बार फिर कहा कि वह अपने पति शैफीन जहां के साथ ही रहना चाहती है। अखिला अशोकन उर्फ हादिया ने मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्र की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष हलफनामा दायर करके कहा कि वह मुस्लिम ही बने रहना चाहती है।हादिया ने कहा है कि वह अपने पति के साथ ही रहना चाहती हैं, जिनसे शादी के लिए उसने अपना धर्म बदलते हुए इस्लाम कबूल किया था। न्यायालय 22 फरवरी को मामले पर सुनवाई करेगा। हादिया ने कहा कि उसने अपनी चेतना और बिना किसी दबाव के इस्लाम धर्म को अपनाया है। उसने कहा है कि अभी उसे आजादी नहीं मिली है, जबकि वह आजादी की हकदार है। अब भी वह पुलिस की निगरानी में है।
हादिया ने न्यायालय से आजादी बहाल करने का अनुरोध किया है। पिछले साल हादिया ने मुस्लिम धर्म अपनाकर शैफीन जहां नाम के शख्स से निकाह कर लिया था, जिसके बाद लड़की के पिता अशोकन केएम ने इस मामले को लेकर न्यायालय में गुहार लगाई थी। केरल हाई कोर्ट ने इसे ‘लव जिहाद’ का मामला मानते हुए शादी को रद्द कर दिया था। शैफीन ने हाई कोर्ट के फैसले को शीर्ष अदालत में चुनौती दी थी।
सुप्रीम कोर्ट ने बीते साल नवंबर में हादिया को तमिलनाडु के सलेम स्थित होम्योपैथिक कॉलेज में अपनी शिक्षा जारी रखने की अनुमति दी थी। हादिया अभी तक अपने पिता की कस्टडी में थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें पिता की कस्टडी से ‘आजाद’ करते हुए सलेम स्थित कॉलेज से पढ़ाई जारी करने को कहा था। पिछले साल नवंबर में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान हादिया ने कोर्ट से गुजारिश की थी कि उन्हें उनके पति के साथ जाने दिया जाए, लेकिन कोर्ट ने उनकी मांग ठुकरा दी।