हमेशा अपने भड़काउ ट्वीट को लेकर सोशल मीडिया यूजर्स के निशाने पर आने वाली पत्रकार जागृति शुक्ला को केंद्र सरकार के स्वामित्व वाले चैनल लोकसभा टीवी ने अपने यहां बतौर कंसल्टेंट नौकरी पर रख लिया है। बता दें कि, इसकी जानकारी खुद जागृति ने अपने ट्विटर प्रोफाइल पर अपटेड कर दी। जिस पर सोशल मीडिया यूजर्स का कहना है कि, जागृति को मोदी भक्ति का प्रसाद मिला है।
बता दें कि, पिछले दिनों जागृति शुक्ला ने ट्वीट कर कुछ ऐसा लिखा था कि, सोशल मीडिया यूजर्स ने इसे भड़काऊ और एक समुदाय विशेष के खिलाफ हिंसा को बढ़ावा देने वाला बताया था। जिसके बाद ट्विटर ने जागृति शुक्ला के अकाउंट को सस्पेंड तक कर दिया था। लेकिन, बाद में माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर ने पत्रकार द्वारा किए गए भड़काऊ ट्वीट को डिलीट किए जाने के बाद उनका ट्विटर अकाउंट पुन: बहाल कर दिया था।
दरअसल, उत्तर प्रदेश के कासगंज में हुई साम्प्रदायिक हिंसा पर जागृति शुक्ला ने ट्वीट कर लिखा था, ‘उन्होंने हमें ट्रेन में मारा, हमारे विमान लूटे, होटल में हमें बंधक बनाया, हमें कश्मीर से भागने पर मजबूर किया और अब गणतंत्र दिवस पर तिरंगा फहराने के लिए मार रहे हैं। सच ये है कि हम डर में रहते हैं, वो नहीं, अब और नहीं। हमेशा घातक हथियार साथ में रखिए। उन्हें मार दीजिए, इससे पहले वो हमें मार दें।’
इसके अलावा ज़ी न्यूज की पूर्व पत्रकार जागृति शुक्ला ने इससे पहले भीएक ट्वीट में लिखा था, ‘कश्मीरी घाटी के सभी लोगों को मार दिया जाए जिससे जनसंख्या में कुछ कमी आएगी और धरती माता का बोझ कम होगा।’ वहीं उन्होंने ऐसा ही एक और ट्वीट करते हुए लिखा था कि, ‘अगर इन कश्मीरी आतंकियों से छुटकारा पाने के लिए नरसंहार भी करना पड़े तो करना चाहिए।’
इतना ही नहीं पिछले साल वरिष्ठ पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या के बाद भी उन्होंने ट्वीट कर लिखा था, ‘कम्युनिस्ट गौरी लंकेश की बेरहमी से हत्या हो गई, जो जैसा करता है वैसी ही सजा पाता है।’ इसके साथ ही शुक्ला ने सिखों के नरसंहार को भी सही ठहराया था। बता दें कि वो तमाम ऐसे ट्वीट करती रहती हैं जिससे पता चलता है कि वो एक राष्ट्रवादी, हिंदू राष्ट्रवादी और पीएम मोदी की समर्थक हैं।
बता दें कि, जागृति शुक्ला का ट्विटर अकाउंट वेरिफाइड है। उन्हें ब्लू टिक मिला हुआ है और उनके प्रोफाइल के मुताबिक वह लोकसभा टीवी में बतौर कंसल्टेंट के तौर पर कार्यरत हैं।
उनके इस तरह के ट्वीट को पोस्ट करते हुए प्रतीक सिन्हा ने लिखा कि, ये यूजर बार-बार नरसंहार का समर्थन कर रही है, नरसंहार की धमकी दे रही है, नफरत भरी बातें इस पर पर बार-बार की जा रही है। साथ ही उन्होंने एक अन्य ट्वीट में लिखा कि, लोकसभा टीवी अपनी तरफ से सफाई दे कि ये यूजर उस मीडिया संस्थान की कर्मचारी है कि नहीं।
वहीं, डॉ आनंद राय ने लिखा कि “मोदी भक्ति का प्रसाद मिल गया, महीनों से बेरोजगार जागृति शुक्ला को लोकसभा टीवी ने नोकरी पर रखा,दतिया की दक्षिणपंथी जागृति का पुनर्वास”
लोक सभा टीवी का सिखों से लेकर कश्मीर तक जनसंहार और दलितों पर हिंसा का समर्थन करने वाली जागृति शुक्ला को नौकरी देना उनकी प्रतिभा के साथ बड़ा अन्याय है. मने गिरिराज सिंह की तरह उनकी योग्यताएं मोदी का मंत्री बनने की हैं! Lok Sabha TVhttps://t.co/PpXXrSKV2R
— Samar (@Samar_Anarya) May 15, 2018
Hello @TwitterIndia @TwitterSupport, this account is calling for genocide. Hope you do the needful. This account is a repeat offender and routinely puts out hateful tweets.
CC @misskaul https://t.co/kSFU3Bgwyy
— Pratik Sinha (@free_thinker) May 10, 2018
मोदी भक्ति का प्रसाद मिल गया,महीनों से बेरोजगार @JagratiShukla29 को लोकसभा टीवी ने नोकरी पर रखा,दतिया की दक्षिणपंथी जागृति का पुनर्वास @loksabhatv @jarariya91 @rssurjewala pic.twitter.com/XrngSymEAU
— Dr.ANAND RAI (@anandrai177) May 10, 2018
पत्रकार के नाम पर कलंक
जागृती शुकला को
भक्ती का ईनाम मिला
लोकसभा टी.वी मे नौकरी मिली.— Najma Fatma Khan? (@NajmaFatma16) May 15, 2018
जागृति शुक्ला को लोकसभा टीवी ने
हायर किया है ! मंदबुध्दि वाली यह
औरत अभी क्या गुल खिलाती है देखना !— R S. Bajpai (@Bajpairs2012) May 15, 2018
बता दें कि, अभी हल ही में जागृति शुक्ल ने पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी पर व्यक्तिगत हमला किया था। उन्होंने ट्वीट करते हुएलिखा था कि, हामिद अंसारी जिहाद का बचाव करने वालों में से हैं। यह शर्म की बात है की वह भारत के उपराष्ट्रपति थे। इतना पढ़े लिखे होने और देश का सबसे बड़ा संवैधानिक पद पर होने के बाद भी उनकी मानसिकता नहीं बदली है। एक अफवाह यह भी है कि वह मदरसा चलाते हैं।