अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने आसाराम, राम रहीम और राधे मां सहित 14 फर्जी बाबाओं की जारी की लिस्ट

0

पिछले कुछ सालों से देश के स्वयंभू धर्मगुरुओं के खिलाफ आपराधिक कृत्य सामने आने के बाद अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने रविवार(10 सितंबर) को बड़ा एलान करते हुए 14 फर्जी बाबाओं की एक सूची जारी की है। अखाड़ा द्वारा जारी इस लिस्ट में गुरमीत राम रहीम, आसाराम, नारायण साईं, रामपाल, निर्मल बाबा, राधे मां, सचिन दत्ता, असीमानंद, ओम बाबा सहित 14 बाबाओं के नाम शामिल हैं।

PHOTO: जनसत्ता

इलाहाबाद में कार्यकारिणी की बैठक में इस सूची में शामिल होने वाले नामों पर फैसला लिया गया है। इन फर्जी बाबाओं के प्रयाग कुंभ में प्रवेश पर प्रतिबंध रहेगा। इसके साथ ही अखाड़ा परिषद सनातन धर्मावलंबियों को इन बाबाओं से दूर रहने के लिए जागरूक भी करेगा। इलाहाबाद के बाघंबरी मठ में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की विशेष बैठक में 13 अखाड़ा के 26 संत शामिल थे।

बता दें कि अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद देशभर के 13 अखाड़ों का संगठन है, जिसमें बड़ी संख्या में संत शामिल हैं। इसे हिंदू धर्म में ऊंचा स्थान हासिल है। अखाड़ा की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि स्यंभू बाबाओं की बुरे कामों की वजह धर्म और समाज का नुकसान होता है इस वजह से फर्जी संतों की सूची जारी की जा रही है।

इस सूची में आसाराम उर्फ आशुमल शिरमानी, सुखबिंदर कौर उर्फ राधे मां, सच्चिदानंद गिरि उर्फ सचिन दत्ता, गुरमीत राम रहीम, ओमबाबा उर्फ विवेकानंद झा, निर्मल बाबा उर्फ निर्मलजीत सिंह, इच्छाधारी भीमानंद उर्फ शिवमूर्ति द्विवेदी, स्वामी असीमानंद, ऊँ नमः शिवाय बाबा, नारायण साईं, रामपाल, आचार्य कुशमुनि, बृहस्तपति गिरि और मलखान सिंह के नाम हैं।

बैठक के बाद परिषद अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने कहा कि फर्जी धर्मगुरुओं से सनातन धर्म के स्वरूप को काफी नुकसान पहुंचा है। उन्होंने कहा कि हम ऐसे फर्जी धर्मगुरुओं की सूची बनाकर केंद्र व सभी राज्य सरकारों, चारों पीठ के शंकराचार्य व 13 अखाड़ा के पीठाधीश्वरों को भेजकर सामूहिक बहिष्कार करेंगे। उन्होंने बताया कि सूची में शामिल शमिल फर्जी बाबाओं को कुंभ, अर्धकुंभ, और अन्य धार्मिक मेलों में सरकारी सुविधा न मिले, यह पहल भी होगी।

गिरी ने NDTV से बातचीत में कहा कि काफी दिनों से फर्जी बाबाओं के द्वारा बलात्कार, शोषण और देश की भोली-भाली जनता को ठगने की खबरें आती रही हैं। कई बाबाओं के खिलाफ देश की अदालतें भी फैसला दे चुकी हैं। ऐसे में हिंदू धर्म और संत समाज की बदनामी होती है। इसलिए परिषद ने ये फैसला लिया है कि वह स्वयं फर्जी बाबाओं की लिस्ट जारी कर दे, ताकि जनता उनसे सचेत रहें।

 

Previous articleAnother school, another episode of horror. 5-year-old raped by peon, Kejriwal orders probe
Next articleAmitabh Bachchan hosted KBC under fire for too many questions on BJP