दिल्ली सरकार की घर-घर राशन पहुंचाने की महत्वांकाक्षी योजना के प्रस्ताव को उपराज्यपाल अनिल बैजल ने मंजूरी नहीं दी है। एलजी के फैसले की जानकारी देते हुए बुधवार (21 मार्च) को मुख्यमंत्री अरिवंद केजरीवाल ने कहा कि यह बहुत जरूरी योजना थी जो तुच्छ राजनीति का शिकार बन गई। केजरीवाल ने इस बारे में जानकारी देते हुए कहा कि राशन को घर-घर तक पहुंचाने के प्रस्ताव को उपराज्यपाल अनिल बैजल ने खारिज कर दिया।
समाचार एजेंसी IANS के मुताबिक दिल्ली सरकार ने छह मार्च को एक प्रस्ताव पारित किया था, जिसमें लाभार्थियों को उनके घर पर राशन के पैकेट पहुंचाने का प्रावधान था। यह आपूर्ति एक निजी कंपनी द्वारा की जानी थी। मंजूरी के लिए प्रस्ताव को उपराज्यपाल अनिल बैजल के पास भेजा गया था, जिसे उन्होंने खारिज कर दिया। रिपोर्ट के मुताबिक उपराज्यपाल ने योजना मंजूर करने से पहले केंद्र से सलाह मांगी है।
केजरीवाल ने बुधवार को एक ट्वीट में कहा कि, “बहुत बुरा हुआ, घर-घर राशन पहुंचाने की योजना को माननीय उपराज्यपाल ने खारिज कर दिया। मैंने उनसे कोई भी फैसला लेने से पहले औपचारिक बैठक करने का लगातार अनुरोध किया, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। वास्तव में बहुत दुखी हूं कि इतना महत्वपूर्ण प्रस्ताव राजनीति की भेंट चढ़ गया।”
V sad that Hon’ble LG has rejected doorstep delivery of ration scheme. I had repeatedly requested him to give me an audience before taking a decision but he did not. Feeling really really sad that such imp proposals are becoming victims of petty politics.
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) March 21, 2018
IANS की रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने इससे पहले कहा था कि वरिष्ठ अधिकारी राशन को घर-घर पहुंचाने की योजना को बाधित करने का प्रयास कर रहे हैं। राशन को घर-घर पहुंचाने की यह योजना राशन माफिया पर विराम लगा देगी। वह उपराज्यपाल से अनुरोध करेंगे कि दिल्ली के गरीब निवासियों को ध्यान में रखते हुए वह इस योजना पर विचार करें और इसे मंजूरी दें।
दैनिक जागरण के मुताबिक, इस माह की शुरुआत में दिल्ली सरकार ने कैबिनेट बैठक में पीडीएस (सार्वजनिक वितरण प्रणाली) लाभान्वितों के घर तक सीलबंद लिफाफों में राशन पहुंचाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। यह प्रस्ताव योग्य लाभान्वितों को गेहूं, आटा, चावल और चीनी की घर पर डिलीवरी से संबंधित है। सरकारी अधिकारी के मुताबिक शहर में पीडीएस के करीब 72 लाख लाभान्वित हैं।
वहीं, हिंदुस्तान में छपी रिपोर्ट के मुताबिक राशन सेवा रोकने के संबंध में एलजी ने कहा है कि योजना को निरस्त करना कहना गलत है। सरकार पहले पीडीएस में भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए उत्सुक थी। अब ईपीओएस से संचालन को निरस्त करने का प्रस्ताव मिला है। यह विश्वसनीयता को कम करता है। ईपीओएस उपकरणों का प्रयोग पोर्टेबिलिटी की सुविधा देता है, जिससे लाभार्थी अपनी पसंद की दुकान से राशन ले सकेंगे।
उन्होंने सुझाव दिया कि टीपीडीएस के तहत घर में राशन के वितरण के प्रस्ताव पर अंतिम निर्णय लेने से पहले इसको लागू करने से संबंधित सभी विस्तृत जानकारी केंद्र सरकार के पास भेजी जाए। योजना से भ्रष्टाचार खत्म नहीं होगा। इससे बेहतर विकल्प डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर योजना है। इससे धनराशि सीधे लाभार्थी के खाते में पहुंच जाएगी।