मलयाली लोगों को ‘अपमानित’ करने के आरोप में अर्नब गोस्वामी के खिलाफ जारी किया गया कानूनी नोटिस, 10 करोड़ रुपये मांगा मुआवजा

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टीवी चैनल पर चर्चा के दौरान बाढ़ के प्रभावित मलयाली लोगों को कथित-तौर पर ‘अपमानित’ करने के आरोप में अंग्रेजी समाचार चैनल ‘रिपब्लिक टीवी’ के संस्थापक और एडिटर इन चीफ अर्नब गोस्वामी के खिलाफ एक कानूनी नोटिस जारी किया है।

एक अग्रेजी न्यूज़ वेबसाइट की रिपोर्ट के मुताबिक, सीपीएम नेता पी सासी द्वारा भेजे गए नोटिस में कहा गया है कि अर्नब की चर्चा समाज को विभाजित करने और हिंसा का प्रचार करने और मलयाली को कम करने का इरादा रखती थी। इस चर्चा के लिए वह क्षमा मांगने के लिए उत्तरदायी है या फिर मुआवजे के तौर पर मुख्यमंत्री राहत कोष में 10 करोड़ रुपये दान करे।

साथ ही उन्होंने नोटिस में कहा कि अर्नब की टिप्पणी ने एक मलयाली के रूप में मुझे भी अपमानित किया है, यही कारण है कि अर्नब को यह नोटिस दिया गया है। सीपीएम नेता ने कहा, अर्नब को अपने शो के दौरान की गई टिप्पणी के लिए माफी मांगनी चाहिए। अगर वो ऐसा नहीं करते है, तो मैं उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई के लिए आगे कदम उठाउंगा।सीपीएम नेता ने पीपुल्स लॉ फाउंडेशन के अध्यक्ष के रूप में याचिका दायर की है।

दरअसल, बीते 25 अगस्त को अर्नब गोस्वामी रोजाना की तरह टीवी पर अपना लेट नाइट शो ‘द डिबेट’ होस्ट कर रहे थे। शो में उन्होंने संयुक्त अरब अमीरात की केरल को 700 करोड़ की आर्थिक मदद पर चर्चा के लिए पैनल भी बुलाया था। इस शो का नाम #FloodAidLie था और इसमें गोस्वामी ने यूएई के केरल को 700 की आर्थिक मदद पर चर्चा की। जिसके बारे में बात करते-करते उन्होंने ‘सबसे बेशर्म भारतीय’ शब्द कहा और सोशल मीडिया पर यह वीडियो वायरल हो गया।

वायरल हो रहें वीडियो में अर्नब गोस्वामी कहते हुए दिखाई दे रहे हैं कि ‘यह ग्रुप ही बेशर्म है, मैंने इतने बेशर्म भारतीय पहले कभी नहीं देखे। वो हर कहीं झूठ फैला रहे हैं, मुझे नहीं पता कि इस झूठ को फैलाने के बदले उन्हें क्या मिला, पता नहीं इसके लिए उन्हें कितने पैसे मिले। क्या उन्हें अपने देश को गाली देने के लिए पैसे मिल रहे हैं, क्या ये किसी ग्रुप का हिस्सा हैं। इन्हें कहां से फंड मिल रहा है. ये देश को नुकसान पहुंचाने का एक सोचा-समझा षणयंत्र है।’

वीडियो वायरल होने के बाद अर्नब गोस्वामी को सोशल मीडिया पर भी जमकर ट्रोल किया जा रहा है। किसी ट्वीटर यूजर ने उन्हें आरएसएस का अनौपचारिक प्रवक्ता बताया तो किसी ने उन्हे आतंकवादी ही बता दिया।

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